पटना, अक्टूबर 07 -- बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश राम ने सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायधीश बी आर गवई पर जूते फेंके जाने की निंदा करते हुए मंगलवार को कहा कि इस घटना से देश मे सत्ता में बैठी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) का असली चेहरा सामने आ गया है।
श्री राम ने आज प्रदेश कार्यालय में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में कहा कि समय बदला है, लेकिन समाज का दलितों और अतिपिछड़ों के प्रति रवैया नही बदला है। उन्होंने कहा कि हमारे देश मे काफ़ी मेहनत और मशक्कत के बाद कुछ दलित ऊंची कुर्सियों पर पहुंच जाते हैं, लेकिन उन्हें उसी कुर्सी पर बैठे ऊंची जाति के व्यक्तियों के बराबर सम्मान नही मिलता है। उन्होंने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की सबसे ऊंची कुर्सी पर बैठे श्री गवई पर जूते फेंका जाना ऐसी घटनाओं का एक प्रमाण है।
इस संदर्भ में श्री राम ने पिछले इतिहास की चर्चा की और कहा कि उनके पिता दिलकेश्वर राम अपने कार्यों के बल पर 1962 में बिहार सरकार में मंत्री बन गए थे, लेकिन उन्हें भी सामाजिक असमानता का सामना करना पड़ा था और लम्बे अंतराल के बावजूद आज भी दलित समाज के प्रतिनिधि के नाते उन्हें भी ऐसी असमानताओं से गुजरना पड़ता है। उन्होंने बहुत पुरानी उस घटना की भी चर्चा की, जब केंद्रीय मंत्री जगजीवन राम के प्रवेश के बाद शुद्धता के लिए एक मंदिर की दूध से धुलाई की गई थी।
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