नयी दिल्ली , अक्टूबर 17 -- भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने अंतर्देशीय जलमार्ग अवसंरचना तथा मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक्स को बढ़ावा देते हुए सार्वजनिक निजी भागीदारी-पीपीपी के तहत निर्मित हल्दिया मल्टी-मॉडल टर्मिनल को आईआरसी नेचुरल रिसोर्सेज को सौंप दिया है।

प्राधिकरण ने टर्मिनल को संचालन और रखरखाव के लिए आईआरसी नेचुरल रिसोर्सेज को सौंपा है जो रियायत समझौते के तहत 15 साल तक इसका संचालन करेगा। इस टर्मिनल का निर्माण भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने पीपीपी मोड पर की है और विश्व बैंक ने इसके लिए वित्तीय और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई है।

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के तहत काम कर रहे प्राधिकरण के हल्दिया मल्टी-मॉडल टर्मिनल की क्षमता 30.08 लख टन प्रति वर्ष है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 13 जनवरी, 2023 को इस टर्मिनल का उद्घाटन किया था। यह टर्मिनल राष्ट्रीय राजमार्ग 41 और रेल कनेक्टिविटी से भी जुड़ा है।

टर्मिनल के संचालन और रखरखाव के लिए रियायतग्राही का चयन खुली बोली प्रक्रिया के माध्यम से 10 वर्षों के लिए किया गया था और इसे पांच साल के लिए और बढ़ाया जा सकता है। आईआरसी नेचुरल रिसोर्सेज ने प्रति मीट्रिक टन कार्गो पर 105.03 रुपए की रॉयल्टी की बोली लगाई थी।

हल्दिया मल्टी माडल टर्मिनल के परिचालन से अंतर्देशीय जलमार्गों के माध्यम से माल की आवाजाही में उल्लेखनीय वृद्धि होने की उम्मीद है। इससे, विशेष रूप से पूर्वोत्तर राज्यों और बांगलादेश के लिए माल परिवहन के लिए लागत प्रभावी, पर्यावरण अनुकूल और तेज विकल्प उपलब्ध होगा। इस परियोजना का निर्माण उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड और पश्चिम बंगाल राज्यों से होकर गुजरने वाले राष्ट्रीय जलमार्ग-1 के 1,390 किलोमीटर लंबे हिस्से की क्षमता बढ़ाना है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित