बैतूल , अक्टूबर 19 -- जयपुर के जवाहर कला केंद्र में आयोजित 28वें लोकरंग महोत्सव में बैतूल जिले के लोक कलाकारों ने कोरकू जनजाति की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का मनमोहक प्रदर्शन किया। कलाकारों ने गडली-सुसुन नृत्य प्रस्तुत कर दर्शकों का दिल जीत लिया।
राष्ट्रीय लोकनृत्य समारोह 7 से 17 अक्टूबर तक आयोजित हुआ, जिसमें देश के आठ राज्यों की लोकसंस्कृतियों का प्रदर्शन हुआ। मध्यप्रदेश की ओर से बैतूल की टीम ने प्रतिनिधित्व किया। दल प्रमुख महादेव बारस्कर के नेतृत्व में यह प्रस्तुति दी गई, जबकि निर्देशन प्रसिद्ध गायक अर्जुन धोटे और परमेश बारस्कर ने किया।
महोत्सव के नौवें और दसवें दिन मंच पर पुरुषों ने सुसुन नृत्य और महिलाओं ने गडली नृत्य प्रस्तुत किया। ढोलक, बांसुरी और थापटी की ताल पर कलाकारों के थिरकने पर पूरा सभागार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठा।
कार्यक्रम में प्रमुख सचिव कला, संस्कृति, पर्यटन एवं पुरातत्व विभाग राजेश यादव मुख्य अतिथि रहे। उनके साथ एडीजी प्रियंका राठौड़, चेयरमैन रूडा हेमंत कुमार गेरा और कई अन्य अधिकारी उपस्थित थे। समापन अवसर पर जवाहर कला केंद्र की ओर से सभी कलाकारों को राष्ट्रीय प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया।
कोरकू समाज की पहचान माने जाने वाले गडली-सुसुन नृत्य में पुरुष ढोलक-बांसुरी की थाप पर थिरकते हैं, जबकि महिलाएं चिटकोरी वाद्य बजाती हैं। यह नृत्य दशहरा, दीपावली और शिवरात्रि जैसे त्योहारों पर सामूहिक रूप से किया जाता है। 11 दिन चले इस महोत्सव में बैतूल के कलाकारों ने मध्यप्रदेश के साथ पूरे कोरकू समाज का गौरव बढ़ाया।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित