जयपुर , दिसम्बर 07 -- राजस्थान में जयपुर में तेंदुए की गतिविधियां पाये जाने पर वन विभाग ने मानव से टकराव टालने के मद्देनजर सशक्त कदम उठाये हैं।

उपवन संरक्षक विजय पाल सिंह ने बताया कि मानव-वन्यजीव संघर्ष की आशंका को देखते हुए वन विभाग ने दो दिसंम्बर से प्रतिदिन रात सात बजे से सुबह सात बजे तक गश्ती दल तैनात किया गया है, जो जाल, टॉर्च और वायरलेस उपकरणों सहित आवश्यक सामग्री के साथ निरंतर गश्त कर रहा है।

उन्होंने बताया कि इसके साथ ही तेंदुए की गतिविधि वाले क्षेत्रों में नियमित रूप से उसकी तलाश की जा रही है, जिसके लिए रणथम्भौर बाघ अभयारण्य, सवाई माधोपुर से विशेषज्ञ ट्रैकर्स बुलाए गए हैं और स्थानीय दल को प्रशिक्षित किया गया है। निगरानी को वैज्ञानिक रूप से और अधिक प्रभावी बनाने के लिये आगामी दिनों में दो से तीन तेंदुओं को रेडियो कॉलर लगाने की तैयारी पूरी की जा रही है, जिससे उनके विचरण क्षेत्र और मार्गों की सटीक जानकारी मिल सकेगी। इसी क्रम में झालाना कंज़र्वेशन रिज़र्व में क्षतिग्रस्त बाड़ की मरम्मत का कार्य तेज़ी से प्रगति पर है।

श्री सिंह ने बताया कि तेंदुए की निगरानी के लिये दीवार के अंदरूनी हिस्से में चारों ओर गश्ती ट्रैक विकसित करने का प्रस्ताव भी रखा गया है, जिसका कार्य शीघ्र प्रारंभ किया जाएगा। वन विभाग के अनुसार इन सभी कदमों से तेंदुए की गतिविधियों की बेहतर निगरानी, समय पर हस्तक्षेप और मानव-वन्यजीव संघर्ष की संभावनाओं में प्रभावी कमी सुनिश्चित होगी।

उल्लेखनीय है कि हाल ही में मालवीय राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, जगतपुरा, महावीर नगर, सिद्धार्थ नगर, विद्याधर नगर, पुलिस अकादमी और चांदपोल क्षेत्रों में तेंदुए की गतविधियां देखीं गयीं हैं।

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