धमतरी, सितंबर 29 -- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें देश ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया 'बापू' के नाम से जानती है, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका को कभी भुलाया नहीं जा सकता। यही कारण है कि दो अक्टूबर को पूरा देश गांधी जयंती मनाता है। शहर, गांव और कस्बों में स्थापित उनकी प्रतिमाओं पर माल्यार्पण कर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

मगर विडंबना यह है कि गांधी जी की याद सिर्फ एक दिन तक ही सीमित होकर रह गई है। बाकी दिनों में उनकी प्रतिमाएं उपेक्षा का शिकार होती हैं। इसका ताजा उदाहरण सेंचुरी गार्डन के पास देखा गया, जहां गांधी प्रतिमा के चारों ओर खरपतवार, कचरा और काई जमी हुई है।

गांधी जयंती नजदीक आते ही सफाई अभियान शुरू कर प्रतिमाओं को चमकाया जाएगा। लेकिन यह सवाल फिर से खड़ा हो जाता है कि क्या राष्ट्रपिता को याद करने के लिए सिर्फ एक दिन ही काफी है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित