श्रीनगर , नवंबर 10 -- जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के सिटी जज की अदालत ने एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को अपनी जन्मतिथि में फेरबदल करके अपनी सेवा अवधि बढ़ाने के मामले में दोषी ठहराया है।

यह मामला बडगाम जिले के अतीना निवासी पूर्व उप निरीक्षक जगदीश सिंह से जुड़ा है और इसकी जांच आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की कश्मीर शाखा ने की थी।

ईओडब्ल्यू के एक बयान के अनुसार श्री सिंह को रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 420, 468, 471 और 201 के तहत 2013 में दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में दोषी ठहराया गया है। यह मामला तब सामने आया जब जम्मू-कश्मीर पुलिस मुख्यालय ने बताया कि श्री सिंह ने अपनी सेवा अवधि दो साल बढ़ाने के लिए आधिकारिक रिकॉर्ड में अपनी जन्मतिथि 1957 से बदलकर 1959 कर ली थी।

आर्थिक अपराध शाखा ने सोमवार को एक बयान में कहा कि उसने रणबीर दंड संहिता (आरपीसी) की धारा 420, 468, 471 और 201 के तहत 2013 में दर्ज एक प्राथमिकी के संबंध में श्री जगदीश सिंह को दोषी ठहराया है। यह मामला जम्मू-कश्मीर पुलिस मुख्यालय से प्राप्त एक पत्र से उत्पन्न हुआ था, जिसमें बताया गया था कि आरोपी ने अपनी सेवा अवधि दो वर्ष बढ़ाने के लिए आधिकारिक अभिलेखों में हेराफेरी करके अपनी जन्मतिथि 1957 से बदलकर 1959 कर ली थी।

आर्थिक अपराध शाखा ने कहा, " जांच से पता चला है कि श्री सिंह ने अनुचित सेवा लाभ प्राप्त करने के लिए अपने चरित्र पंजिका और मैट्रिकुलेशन प्रमाणपत्र सहित अपने सेवा दस्तावेजों में अपनी जन्मतिथि को धोखे से 10 नवंबर, 1959 कर दिया था।"मुकदमे के दौरान, आर्थिक अपराध शाखा ने श्री सिंह के अपराध को साबित करने के लिए पर्याप्त गवाह और ठोस दस्तावेजी साक्ष्य पेश किये। गहन जांच के बाद, श्रीनगर के सिटी जज की अदालत ने आरोपी को आरपीसी की धारा 420, 511 और 468 के तहत दोषी पाया।

अदालत ने उसे धारा 420 सहपठित 511 आरपीसी के तहत तीन साल के साधारण कारावास और 5,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई, और धारा 468 आरपीसी के तहत तीन साल के अतिरिक्त साधारण कारावास और 5,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना अदा न करने पर, अभियुक्त को छह महीने का अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा। सभी सजायें साथ-साथ चलेंगी।

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