जम्मू , अक्टूबर 11 -- जम्मू-कश्मीर के उपमुख्यमंत्री सुरेंद्र चौधरी ने शनिवार को कहा कि भाजपा नेतृत्व जम्मू-कश्मीर को राज्य का दर्जा लौटाने के मुद्दे पर ईमानदार नहीं है और घाटी के लोग अब उच्चतम न्यायालय पर उम्मीदें टिकाए हुए हैं।

जम्मू में पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि अगर केंद्र सरकार इस मामले को भाजपा के हाथों में छोड़ देगी तो राज्य का दर्जा बहाल करना कभी संभव नहीं होगा। उन्होंने न्यायिक हस्तक्षेप की माँग दोहराते हुए कहा कि सुप्रीम कोर्ट को लोगों की भावनाओं को सुनना चाहिए।

उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने लोगों को धोखा देने के लिए 'लॉलीपॉप राजनीति' अपनाई है और नेशनल कॉन्फ्रेंस के एक साल के कामकाज का रिपोर्ट कार्ड मांगने जैसे बयान सिर्फ़ ध्यान भटकाने की कोशिश हैं। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर अभी भी रोज़गार, दिहाड़ी मज़दूरों के नियमितीकरण और अन्य बुनियादी मुद्दों से जूझ रहा है।

कानूनी और प्रशासनिक मुद्दों की ओर इशारा करते हुए उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य को मिले औद्योगिक पैकेज (28,000 करोड़ रुपये) और अवैध खनन जैसे मुद्दों की पारदर्शी जाँच ज़रूरी है। उन्होंने आरोप लगाया कि कई महत्वपूर्ण फाइलें उपराज्यपाल के पास लंबित हैं और प्रशासनिक हस्तक्षेप, अधिकारियों की नियुक्ति में दखलंदाज़ी की शिकायतें हैं।

श्री चौधरी ने अपनी सुरक्षा में कटौती के संबंध में दिए गए बयान पर बोलते हुए कहा कि अगर राज्य की सुरक्षा स्थिति इतनी अच्छी है कि उनकी सुरक्षा वापस ली जा सकती है, तो उपराज्यपाल को उनकी और अन्य राजनीतिक नेताओं की सुरक्षा वापस ले लेनी चाहिए।

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