भोपाल , अक्टूबर 30 -- जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर 15 नवंबर को जबलपुर में बिरसा मुंडा उत्सव का भव्य आयोजन किया जाएगा, जिसमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्चुअल माध्यम से संबोधित करेंगे। इस अवसर पर देशभर में कार्यक्रम का प्रसारण किया जाएगा और एक सप्ताह तक विभिन्न आयोजनों के माध्यम से भगवान बिरसा मुंडा की जयंती मनाई जाएगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उत्सव की तैयारियों की समीक्षा की है। इस दौरान प्रदेशभर में 11 से 15 नवंबर तक जनजातीय बहुल जिलों में बिरसा मुंडा गौरव यात्राएं निकाली जाएंगी। इन यात्राओं में जनजातीय कला समूहों की झांकियां, प्रदर्शनियां और जनसम्मेलन आयोजित किए जाएंगे, जिनमें सांसद, विधायक और जनजातीय जनप्रतिनिधि भाग लेंगे।
इसी क्रम में 7 से 15 नवंबर के बीच सड़कों, चौराहों, पार्कों और सरकारी भवनों का नाम भगवान बिरसा मुंडा और अन्य जनजातीय नायकों के नाम पर रखने की प्रक्रिया शुरू होगी। सार्वजनिक स्थलों पर आदिवासी नेताओं की प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी और उनके जीवन पर आधारित स्मारक निर्मित होंगे।
प्रदेश के विश्वविद्यालयों में जनजातीय शोध पीठ स्थापित करने की योजना है, ताकि आदिवासी समाज से जुड़े विषयों पर उच्च स्तरीय अध्ययन और शोध को बढ़ावा दिया जा सके। साथ ही, जनजातीय समाज के सामाजिक, आर्थिक और शैक्षणिक विकास के लिए नई योजनाएं भी शुरू की जाएंगी।
भारतीय जनता पार्टी की ओर से भी इस अवसर पर विभिन्न कार्यक्रम आयोजित होंगे। 10 नवंबर को भोपाल में और 11 नवंबर को सभी जिलों में प्रेस कॉन्फ्रेंस होगी। पार्टी के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बी.एल. संतोष 10 नवंबर को भोपाल आकर तैयारियों की समीक्षा करेंगे।
7 नवंबर को मुख्यमंत्री, प्रदेश अध्यक्ष सहित सभी भाजपा नेता अपने सोशल मीडिया प्रोफाइल की फोटो भगवान बिरसा मुंडा की तस्वीर से बदलेंगे। इसके अलावा कॉलेजों और विश्वविद्यालयों में टाउन हॉल आयोजित होंगे, जिनमें जनजातीय समाज के इतिहास, स्वतंत्रता संग्राम में उनकी भूमिका और सांस्कृतिक पहचान पर चर्चा होगी।
जनजातीय समाज की विभूतियों को सम्मानित किया जाएगा, जबकि विद्यार्थियों के लिए क्विज़ प्रतियोगिताएं आयोजित होंगी। साथ ही, पॉडकास्ट और लेखों के माध्यम से बिरसा मुंडा के योगदान और भाजपा सरकार की जनजातीय सशक्तिकरण नीतियों को साझा किया जाएगा।
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