रांची , नवम्बर 27 -- झारखंड में हेमंत सरकार पार्ट-2 के एक वर्ष पूरे होने पर भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार पर तीखा हमला बोला है।

पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अजय साह ने आज कहा कि सरकार जिस उत्सव के माहौल में अपना एक साल पूरा होने का जश्न मना रही है, उसे बंद कर जनता के मूल सवालों का जवाब देना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने वाली सरकार रोजगार प्रदान करने के बजाय शिल्पा राव जैसे कार्यक्रमों में व्यस्त रही, जबकि बेरोजगार युवा आज भी जवाब का इंतजार कर रहे हैं। यह सरकार स्पष्ट करे कि एक साल में रोजगार सृजन के मोर्चे पर क्या उपलब्धियाँ हासिल हुईं और कितने युवाओं को वास्तविक लाभ मिला।

श्री साह ने राज्य में बढ़ते अपराधों का मुद्दा उठाते हुए पूछा कि अपराध रोकने के लिए सरकार ने कौन-सा ठोस कदम उठाया, क्योंकि पिछले एक वर्ष में अपराध का ग्राफ लगातार ऊपर गया है। उन्होंने सवाल किया कि आखिर ऐसी क्या मजबूरी थी कि छवि रंजन और वीरेंद्र राम जैसे भ्रष्टाचार के गंभीर आरोपों से घिरे अधिकारियों को दंडित करने के बजाय फिर से सरकार की व्यवस्था में शामिल कर लिया गया। साथ ही उन्होंने पूछा कि ईडी द्वारा भ्रष्ट अधिकारियों पर कार्रवाई के लिए भेजे गए पत्र का अब तक क्या परिणाम निकला, उस पर क्या कार्रवाई की गई।

उन्होंने कहा कि जश्न मनाने से पहले सरकार को यह बताना चाहिए कि संवैधानिक प्रक्रियाओं और संस्थाओं को दरकिनार कर एक विवादित व्यक्ति को डीजीपी क्यों बनाया गया। उन्होंने सवाल उठाया कि सरकारी ठेकों में एक खास समुदाय के प्रति झुकाव की क्या वजह है और पिछले एक वर्ष में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष द्वारा भेजे गए अनियमितताओं संबंधी पत्रों पर क्या कार्रवाई हुई। मुख्यमंत्री के विदेश दौरे से राज्य को क्या लाभ मिला, इसका भी स्पष्ट विवरण जनता के सामने रखा जाना चाहिए।

श्री साह ने आरोप लगाया कि आदिवासियों पर बढ़ते अत्याचारों पर सरकार चुप्पी साधे बैठी है और यह भी स्पष्ट नहीं कर रही कि इस दिशा में उसने क्या कदम उठाए। जनता यह जानना चाहती है कि मंत्री और नौकरशाहों की जवाबदेही कहाँ है और लगातार संविधान तथा संवैधानिक संस्थानों का अपमान करने वाले मंत्रियों पर क्या कार्रवाई की गई। उन्होंने यह भी पूछा कि बांग्लादेशी घुसपैठियों के लिए फर्जी आधार कार्ड बनाए जाने के मामलों पर सरकार ने अब तक क्या कदम उठाए हैं।

श्री साह ने कहा कि हेमंत सरकार के लिए उत्सव और समारोह मनाने का यह समय नहीं है; उसे जनता के कठिन सवालों का जवाब देना चाहिए और अपने एक वर्ष के कामकाज का ईमानदार हिसाब देना चाहिए।

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