अंबिकापुर , नवंबर 20 -- छत्तीसगढ में जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर अंबिकापुर में आयोजित कार्यक्रम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने गुरुवार को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को ममतामयी कहा और बोला आज राज्य के लिए बड़ा सौभाग्य का दिन है।
श्री साय ने कहा राष्ट्रपति ने हमारे निमंत्रण को स्वीकार किया और जनजाति गौरव समाज के इस कार्यक्रम में शामिल हुईं हैं। उन्होंने कहा, "हमारे राज्य के नक्सल पीड़ित लोग राष्ट्रपति से मिलने के लिए राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे और उसके बाद जब वे वहां से लौटे तो बेहद खुश थे, आप बेदम ममतामयी हैं।"राष्ट्रपति मुर्मु ने अपने संबोधन में कहा, "जनजाति समाज के लोगों ने जो संघर्ष किया है उनकी क्रांति अमर हो गई है। छत्तीसगढ़ राज्य को 25 साल पूरे हो गए हैं और छत्तीसगढ़ की रजत जयंती आप लोगों ने 20 दिन पहले मनाई है मेरी ओर से बधाई स्वीकार कीजिए, मुझे बताया गया है कि रायपुर में जनजातीय संग्रहालय का निर्माण किया गया है जिसका लोकार्पण प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा किया गया है। छत्तीसगढ़ में जनजाति समाज का बहुत बड़ा इतिहास रहा है, केंद्र और राज्य सरकार जनजाति समाज के विकास के लिए लगातार काम कर रही है।"मुख्यमंत्री ने श्री मुर्मु को अपने संबोधन के दौरान यह बताया कि जनजाति समाज के लोगों का आजीविका तेंदूपत्ता से भी जुड़ा हुआ है और इसी वजह से तेंदूपत्ता का रेट 5500 रुपया किया गया है तथा तेंदूपत्ता संग्राहकों के लिए चरण पादुका योजना को फिर से शुरू किया गया है।
उन्होंने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद की वजह से वहां विकास प्रभावित हो रहा था लेकिन प्रधानमंत्री मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के नेतृत्व में नक्सलवाद को खत्म किया जा रहा है। नक्सलवाद की कमर टूट रही है, बस्तर में भी विकास की रफ्तार पकड़ने वाली है, क्योंकि नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। बस्तर के अलग-अलग इलाकों में बिजली, पानी शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाई जा रही है, दूरसंचार के साधन स्थापित किए जा रहें हैं।
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