गोरखपुर , अक्टूबर 16 -- उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के घने जंगल में बसे गांव के निवासी जो कभी सरकारी अभिलेखों में नागरिक पहचान से मोहताज थे, आज शासन की कल्याणकारी योजनाओं से लाभान्वित होने वालों की कतार में सबसे आगे हैं।
गांव में उपेक्षा के अभिशाप से उबरकर पहचान ऐसी बनी कि उनके जीवन में आया बदलाव आठ साल से देशभर में सुर्खियों में है। जंगल के इन वाशिंदों को लोग वनटांगिया के नाम से जानते हैं। इनकी पहचान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के दुलारे जन की भी है। योगी के विजन से इनके जीवन का कायाकल्प हो चुका है। मुख्यमंत्री खुद इनके बीच जाकर हर साल दीपावली की खुशियां बांटते हैं। सीएम जिस वनटांगिया गांव, जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में दीपावली मनाते हैं वह जन कल्याण की योजनाओं से संतृप्त गांव बन चुका है।
योगी मुख्यमंत्री बनने के बाद अपने पहले ही कार्यकाल में जंगल तिकोनिया नम्बर तीन सहित सभी वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम घोषित कर दिया था। राजस्व गांव घोषित होने के बाद यहां शासन की योजनाओं की बौछार होने लगी। आवास, शौचालय, बिजली, पेयजल, स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, राशन कार्ड, पेंशन, आयुष्मान कार्ड से वनटांगियों को काफी सुविधाएं और सहूलियत मिली। इस गांव में मुख्यमंत्री आवास योजना ग्रामीण के तहत 440 परिवारों को पक्का मकान देने का लक्ष्य रखा गया और यह लक्ष्य शत प्रतिशत पूर्ण है। यही नहीं वित्तीय वर्ष 2024.25 में तीन और परिवारों को आवास योजना के दायरे में लाया गया। स्वच्छ भारत मिशन के अंतर्गत 458 शौचालय बनाए गए हैं।
गांव में तकरीबन सभी घरों को पाइपलाइन से पेयजल की आपूर्ति की जा रही है। यह गांव विद्युतीकरण से संतृप्त है और पूरे गांव में खड़ंजाध् इंटरलॉकिंग से आंतरिक आवागमन सहज हो गया है। जंगल तिकोनिया नम्बर तीन में शिक्षा का उजास फैलाने के लिए योगी आदित्यनाथ ने बतौर सांसद एक अस्थायी, गोरक्षनाथ विद्यापीठ की स्थापना कराई थी। यह विद्यापीठ अभी है। मुख्यमंत्री बनने के बाद उन्होंने गांव में एक जूनियर हाईस्कूल ;कम्पोजिट विद्यालयद्ध शुरू कर बच्चों को कॉन्वेंट सरीखे शिक्षा से जोड़ दिया है। यहां एक आंगनबाड़ी केंद्र भी संचालित है।
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