देहरादून, नवंबर 21 -- उत्तराखंड के पर्वतीय जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में जंगली जानवरों के बढ़ते हमलों की रोकथाम को लेकर राहत नहीं मिलने से आक्रोशित कांग्रेसजनों ने शुक्रवार को राजपुर रोड स्थित वन मुख्यालय में जमकर प्रदर्शन किया।
कांग्रेस पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल की अगुवाई में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने जैसे ही दिलाराम चौक से वन भवन के लिए मार्च किया, तभी वहां मौजूद पुलिस ने वन भवन के गेट को बंद करके कांग्रेसियों को अंदर जाने से रोक दिया।
इस दौरान गेट खोले जाने को लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं एवं पुलिस में जमकर धक्का मुक्की हुई। इस बीच गेट पर काफी देर तक हंगामा चलता रहा, जिसके बाद कांग्रेसी जबरन गेट खोलकर वन भवन परिसर में घूस गए और सरकार एवं वन महकमे के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया।
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने पहाड़ों में लोगों को भालू गुलदार जैसे जानवरों के हमले से बचाने के लिए दीर्घकालिक सुरक्षा की मांग उठाई है। उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न पर्वतीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में हाल ही के दिनों में जंगली जानवरों, विशेष कर भालू एवं बाघ के हमले की घटनाएं तेजी से बढ़ी है।
इन घटनाओं के कारण आम नागरिकों के साथ-साथ पशुपालकों और जंगलों में लकड़ी, चारा पत्ती आदि के लिए जाने वाले स्थानीय निवासियों विशेषकर महिलाओं में असुरक्षा का माहौल बना हुआ है। पिछले लगभग 6 माह से ग्रामीण शेत्रों से लगातार ऐसी घटनाएं सामने आ रही है, जिनमे भालू के हमले से गंभीर घायल होने, बाघ के शिकार बनने व पालतू पशुओं के मारे जाने की घटनाओं में बढ़ोतरी हुई है।
गोदियाल ने कहा कि जहां एक तरफ अकेले पौड़ी और चमोली जिलों में भालू व बाघ ने सैकड़ो पालतू जानवरों को अपना निवाला बनाया है।, तो दूसरी तरफ बाघ और गुलदार के हमले मे कई लोगों ने अपनी जान गंवा दी है। इन घटनाओं की वजह से जान माल का नुकसान तो हो ही रहा है बल्कि लोगों की आजीविका पर भी असर पड़ रहा है, लोग पलायन को भी मजबूर हैं।
कांग्रेस ने अपनी मांगों के संबंध में पीसीसीएफ वाइल्डलाइफ आरके मिश्रा को ज्ञापन सौंपते हुए प्रभावित क्षेत्रों में भालू और बाघ के मूवमेंट की ट्रैकिंग और मॉनिटरिंग बढ़ाये जाने की मांग की है। इसके अलावा वन विभाग द्वारा रात के समय गश्त और निगरानी बढ़ाये जाने, गांव के आसपास ट्रेंकुलाइजर टीम और आपातकालीन रेस्क्यू यूनिट तैनात किए जाने, मानव वन्य जीव संघर्ष से पीड़ित परिवारों को तत्काल मुआवजा और उपचार की सुविधा दिए जाने की भी मांग उठाई है।
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