नयी दिल्ली, सितंबर 26 -- दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट ने कथित वित्तीय अनियमितताओं से जुड़े एक मामले में आरोपी स्वामी चैतन्यानंद सरस्वती की अग्रिम जमानत याचिका को शुक्रवार को खारिज कर दिया। अदालत ने याचिका पर विचार करने के बाद यह निर्णय लिया कि उन्हें अग्रिम जमानत देना उचित नहीं होगा। चैतन्यानंद पर छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और यौन शोषण के भी गंभीर आरोप लगे हैं।
सुनवाई के दौरान दिल्ली पुलिस ने जमानत का पुरजोर विरोध करते हुए अदालत को बताया कि आरोपी पिछले एक महीने से फरार है। पुलिस ने यह भी दावा किया कि चैतन्यानंद ने खुद को संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधि होने का दावा किया था। यह जमानत याचिका जालसाजी के एक मामले से संबंधित है, जिसमें आरोप है कि आरोपी ने एक संस्था के खाते से अवैध रूप से 60 लाख रुपये निकाले और उसके पास दो पासपोर्ट हैं।
आरोपी के बचाव पक्ष के वकील ने उन्हें निर्दोष बताया। इस बीच, चैतन्यानंद ने दावा किया कि पुलिस मामले की जानकारी मीडिया में लीक कर रही है और मामले को सनसनीखेज बना रही है।
एफआईआर के अनुसार, चैतन्यानंद सरस्वती पर यौन उत्पीड़न और दुर्व्यवहार के कई आरोप हैं। शिकायत में कहा गया है कि श्री शारदा पीठम, श्रृंगेरी ने 2008 में उन्हें जारी किए गए पावर ऑफ अटॉर्नी को रद्द कर दिया था और तब से उनसे सभी संबंध तोड़ लिए हैं।
एफआईआर में पीठम को 28 जुलाई और एक अगस्त, 2025 को एक छात्रा और एक वायु सेना अधिकारी से प्राप्त पत्रों का उल्लेख है, जिनमें आरोपियों द्वारा यौन उत्पीडऩ के आरोपों का जिक्र था। इन सूचनाओं के आधार पर, पीठम की शासी परिषद ने तीन अगस्त को 30 से अधिक छात्राओं के साथ एक वर्चुअल बैठक भी की थी। चैतन्यानंद पर मठ के हॉस्टल में रहने वाली छात्राओं ने एफआईआर दर्ज कराई है, जिसमें करोड़ों रुपये के घोटाले और यौन दुर्व्यवहार के चौंकाने वाले खुलासे सामने आए हैं। वित्तीय अनियमितताओं की जांच अभी जारी है।
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