रायपुर , अक्टूबर 07 -- छत्तीसगढ में बालोद के बहुचर्चित हिमांशु मांडले हत्याकांड मामले में उच्च न्यायालय बिलासपुर ने निचली अदालत द्वारा सुनाई गई आजीवन कारावास की सज़ा को रद्द करते हुए सभी पाँचों आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया है। अदालत ने आरोपियों की तत्काल रिहाई के आदेश भी जारी किए हैं।
उच्च न्यायालय ने यह फैसला गुरुवार को सुनाया गया। फैसले की प्रति आज जारी की गयी ।
बालोद में 21 दिसंबर 2020 को व्यायाम शिक्षक हिमांशु मांडले का शव तांदुला जलाशय के किनारे संदिग्ध परिस्थितियों में मिला था। शव पर सिर में पत्थर से प्रहार के निशान पाए गए थे। पुलिस ने इसे हत्या का मामला मानते हुए जांच शुरू की थी।
उस समय के पुलिस अधीक्षक जितेंद्र सिंह मीणा के नेतृत्व में गठित टीम ने 48 घंटे के भीतर मामले का खुलासा करने का दावा किया था। पुलिस विवेचना के अनुसार, मृतक की पत्नी माधुरी मांडले और उसके परिचित डांस टीचर लोकेंद्र पटेल के बीच कथित अवैध संबंध थे। आरोप था कि लोकेंद्र पटेल ने रायपुर से अपने तीन साथियों को बुलाकर शराब पार्टी के दौरान हिमांशु मांडले की हत्या करवाई थी। बताया गया था कि वारदात के लिए 1000 रुपये अग्रिम दिए गए थे।
इस मामले की सुनवाई के बाद जिला एवं सत्र न्यायालय बालोद ने सभी पाँचों आरोपियों - माधुरी मांडले, लोकेंद्र पटेल, गोविंद सोनी उर्फ कालू, कृष्णकांत शर्मा सहित एक अन्य को - हत्या का दोषी करार दिया और सभी को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाई थी।
निचली अदालत के निर्णय के खिलाफ सभी आरोपियों ने उच्च न्यायालय बिलासपुर में अपील दायर की थी। अपील पर विचार करने के बाद उच्च न्यायालय ने निचली अदालत का फैसला पलटते हुए सभी पाँचों को दोषमुक्त का दिया।
मामले में आरोपी गोविंद सोनी उर्फ कालू और कृष्णकांत शर्मा की ओर से पैरवी वरिष्ठ अधिवक्ता डॉली अभिषेक सोनी (उच्च न्यायालय जबलपुर) ने की।
अधिवक्ता सोनी ने कहा , "मेरे पक्षकारों को पुलिस ने जल्दबाजी में झूठे आरोपों में फँसा दिया था। विवेचना के दौरान उचित सबूत नहीं जुटाए गए। पुलिस सिर्फ घटना की गुत्थी जल्दी सुलझाने के दबाव में थी। माननीय उच्च न्यायालय ने साक्ष्यों के अभाव में सभी आरोपियों को बरी कर न्याय किया है।"उच्च न्यायालय के इस निर्णय के बाद अब पुलिस की प्रारंभिक जांच और विवेचना प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं। न्यायालय का यह फैसला बालोद के इस चर्चित हत्याकांड में एक नया मोड़ लेकर आया है।
हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित