राजनांदगांव , नवंबर 07 -- भारतीय हॉकी के स्वर्णिम इतिहास की 100वीं वर्षगांठ पूरे देश के 600 जिलों के साथ हॉकी की नर्सरी राजनांदगांव के अंतरराष्ट्रीय हॉकी स्टेडियाम में बहुत ही उत्साह और हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है।
इस अवसर पर आज देशभर में एक साथ एक हजार से ज्यादा हॉकी मैच खेले गये। अखंड भारत में हॉकी संघ का गठन 07 नवंबर 1925 को हुआ था, जिसकी पूरे देश में शुक्रवार को 100 वीं वर्षगांठ धूमधाम से मनायी गयी।
इस अवसर पर राजनांदगांव में बालक वर्ग में खेलो इंडिया विरुद्ध भारतीय खेल प्राधिकरण के मध्य प्रदर्शन मैच खेला गया जिसमें मुख्य अतिथि के रूप सचिन बघेल अध्यक्ष जिला सहकारी बैंक शामिल हुए। कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजसेवी कोमल सिंह राजपूत ने की तथा विशिष्ट अतिथि के रूप मे पूर्व महापौर एवं वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी नरेश डाकलिया शामिल हुए। खिलाड़ियों को सम्बोधित करते हुए सचिन बघेल ने कहा की भारतीय हॉकी के 100 साल पूरे होने पर सभी हॉकी खिलाड़ियों व वरिष्ठ जनों को बधाई, हॉकी की नर्सरी से बहुत से राष्ट्रीय और अंतराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी खेलते हुए नजर आए है। हमारे शहर में विगत 80 वर्षो से आयोजित होते आ रही सर्वेश्वरदास अखिल भारतीय हॉकी प्रतियोगिता में भी अनेक अंतरराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ियो ने भाग लिया है। ये राजनांदगांव के लोए गौरव की बात है। आज यंहा सभी वरिष्ठजनों को देखकर बहुत खुशी हो रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे कोमल सिंह राजपूत (जिला अध्यक्ष भाजपा) ने अपने उद्बोधन में कहा कि हॉकी के 100 साल पूर्ण होना हमारे लिए गौरव की बात है, सभी सीनियर खिलाड़ियों के बीच उपस्थित होकर मुझे बहुत खुशी हो रही है इन्ही सीनियर खिलाड़ियों के बीच में ही रहकर हम ने हॉकी के गुण सीखे है। सभी वरिष्ठजन जन का एक साथ हॉकी ग्राउंड में उपस्थित होना बहुत ही गौरवपूर्ण क्षण है।
विशिष्ट अतिथि पूर्व महापौर एवं वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी नरेश डाकलिया ने कहा की भारतीय हॉकी ओलंपिक खेलों में कुल आठ स्वर्ण, एक रजत और चार कांस्य पदक जीत चुका है। इसके अलावा, भारत ने 1975 में विश्व कप भी जीता है। हमारे शहर मे हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का आगमन गौरव की बात है।
छत्तीसगढ़ हॉकी के अध्यक्ष फ़िरोज़ अंसारी ने उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए भारतीय हॉकी के 100 साल पूरे होने पर प्रकाश डालते हुए बताया कि सात नवंबर 1925 को देश में पहली हॉकी प्रशासनिक संस्था का गठन हुआ था। इसके बाद 1928 के एम्स्टर्डम ओलंपिक में भारतीय टीम ने नीदरलैंड को हराकर अपना पहला ओलंपिक स्वर्ण पदक जीता। तब से अब तक भारतीय हॉकी टीम ने ओलिंपिक खेलो मे कुल 13 पदक जीता है जो विश्व रिकॉर्ड है। भारत के 100 वर्षों के इतिहास में हॉकी नर्सरी राजनांदगांव का भी काफी महत्वपूर्ण योगदान है। पिछले 50 - 60 वर्षों में हम देखे तो काफी समृद्ध इतिहास हमारा रहा है जिसमें दिवंगत एयरमैन आर बेस्टीयन (प्रथम ओलंपियन), रेणुका यादव (प्रथम महिला ओलंपियन छत्तीसगढ़) और अंतर्राष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मृणाल चौबे ने हमारा गौरव बढ़ाया। इस मैच के पश्चात बालक वर्ग की विजेता टीम जिला हॉकी संघ राजनांदगाँव एवं उपविजेता टीम खेलो इंडिया को अतिथियों ने ट्रॉफी प्रदान की।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र मे बालिका वर्ग मे भी प्रदर्शन मैच खेला गया जिसमें बतौर अतिथि सीईओ जिला पंचायत आई ए एस सुरुचि सिंग एवं ए एस पी राहुल देव शर्मा शामिल हुए। सुरुचि सिंग ने राजनांदगाँव मे हॉकी के गौरवशाली इतिहास के लीये सभी हॉकी खिलाड़ियों को बधाई दी तो वही राहुल देव शर्मा ने राजनांदगाँव के जन के मन मे हॉकी के प्रति प्यार होने की बात कही। बालिका वर्ग की विजेता टीम भारतीय खेल प्राधिकरण एवं उपविजेता टीम खेलो इंडिया राजनांदगाँव को अतिथियों के कर कमलों से पुरुस्कृत किया गया।
कार्यक्रम मे विशेष रूप से शिवनारायण धकेता सचिव जिला हॉकी संघ, ए एक्का सहायक संचालक खेल विभाग के साथ वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ी मुक्तनद हिरवानी, प्रितपाल सिंग की उपस्तिथि ने मंच की शोभा बढ़ाई।
इस अवसर पर उपस्थित अतिथियों ने वरिष्ठ हॉकी खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया तथा जिला हॉकी संघ राजनांदगांव द्वारा सात दिवसीय क्विज़, ड्रॉइंग, निबंध प्रतियोगिता का आयोजन किया गया था जिसके विजेता खिलाड़ियो को प्रतिभा सम्मान से सम्मानित किया गया। राष्ट्रीय प्रतियोगिता में प्रदेश का प्रतिनिधित्व करने वाले खिलाड़ियों को भी हॉकी स्टिक दे कर समान्नित किया गया तथा ग्रासरूट हॉकी को बढ़ावा देने वाली संस्था रुद्राक्षम वेलफेयर सोसायटी को जिला हॉकी संघ की ओर से जिला हॉकी संघ के अध्यक्ष फ़िरोज़ अंसारी ने 10 हॉकी देकर पुरस्कृत किया।
उक्त कार्यक्रम में रमेश डाकलिया,कुतबुद्दीन सोलंकी,छोटे लाल रामटेके (पार्षद) महेंद्र सिंह, भूषण साव, राम अवतार जोशी, गुणवंत पटेल,गणेश प्रसाद शर्मा (गन्नू) शेषनारायण श्रीवास्तव, आशा थॉमस,अनिल यादव, महबूब सरीफ, अब्दुल कादिर, राजू रंगारी, चंदन सिंह, ज्ञानचंद जैन, प्रिंस भाटिया, तुलसी सिन्हा, परमजीत सिंह साई कोच, गुणवंत पटेल, योगेश द्विवेदी, दिग्विजय श्रीवास्तव,अनिल गोतम क्रीड़ा अधिकारी,श्याम लाल यादव,भागवत यादव,छबिलाल, सचिन खोब्रागडे, नरेंद्र,अभिनव मिश्रा,शकील अहमद,खुशाल यादव,राजेश निर्मलकर,खेमराज सिन्हा, बबिता लिल्हारे,एम रवि राव,रूपेश जायसवाल,अविनाश, आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे।
कार्यक्रम का संचालन अंतराष्ट्रीय हॉकी खिलाड़ी मृणाल चौबे ने की तथा रणविजय प्रताप सिंह ने आभार व्यक्त किया।
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