रायपुर , नवंबर 26 -- छत्तीसगढ़ में बहुचर्चित शराब घोटाले की जांच एक बार फिर नए मोड़ पर पहुंच गई है। आर्थिक अपराध जांच शाखा (ईओडब्ल्यू) ने बुधवार को घोटाले से जुड़े छह आरोपियों के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो एवं आर्थिक अपराध जांच शाख (एसीबी/ईओडब्ल्यू) की विशेष अदालत में छठवां पूरक चालान पेश किया। करीब सात हजार पन्नों में तैयार इस चालान में पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास, अतुल सिंह, मुकेश मनचंदा, नितेश और यश पुरोहित समेत दीपेंद्र चावड़ा को आरोपी बनाया गया है।
जांच एजेंसी का मानना है कि यह दस्तावेज़ मामले को निष्पक्ष रूप से आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
शराब घोटाले की समांतर जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी कर रही है। ईडी की ओर से दर्ज की गई प्राथमिकी में 3200 करोड़ रुपए से अधिक के वित्तीय अनियमितताओं का आरोप लगाया गया है। इस मामले में राजनेताओं, आबकारी विभाग के अधिकारियों और शराब आपूर्ति से जुड़े व्यापारियों के नाम शामिल हैं। ईडी ने अपनी जांच में पाया कि तत्कालीन सरकार के दौरान कथित तौर पर भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) अधिकारी अनिल टुटेजा, आबकारी विभाग के प्रबंध निदेशक (एमडी) एपी त्रिपाठी और कारोबारी अनवर ढेबर के नेटवर्क के जरिए अवैध कमाई को संरक्षित और संचालित किया गया।
गौरतलब है कि जांच रिपोर्टों के अनुसार वर्ष 2019 से 2023 के बीच प्रदेश की शराब नीति में बदलाव कर कुछ चुनिंदा आपूर्तिकर्ताओं को अनुचित लाभ पहुंचाया गया। लाइसेंस शर्तें इस तरह तय की गईं कि वही कंपनियां बाजार में सक्रिय रह सकें। इसी दौरान नोएडा की एक कंपनी के माध्यम से नकली होलोग्राम और सील तैयार कराई गईं, जिन्हें शराब की बोतलों पर लगाकर सरकारी दुकानों में आपूर्ति कराया जाता था। नकली होलोग्राम के कारण बिक्री का वास्तविक आंकड़ा शासन तक नहीं पहुंच पाता था, जिससे उत्पाद शुल्क की भारी हानि हुई। जांच में राज्य को लगभग 2165 करोड़ रुपए के टैक्स नुकसान का अनुमान बताया गया है। एजेंसियों के अनुसार, अवैध कमाई का इस्तेमाल राजनीतिक और अन्य प्रभावशाली गतिविधियों में किया गया।
इस मामले में पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल, पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, तथा रायपुर के मेयर एजाज ढेबर के भाई अनवर ढेबर की गिरफ्तारी हो चुकी है। इसके अलावा आबकारी विभाग के 28 अधिकारियों को आरोपी बनाया गया था, जिन्हें उच्चतम न्यायालय से जमानत मिल चुकी है।
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