रायपुर/बस्तर , दिसम्बर 01 -- नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की ओर से दर्ज की गयी प्राथमिकी के खिलाफ कांग्रेस के नेता सोमवार को सड़कों पर उतरे।

प्रदेश कांग्रेस समिति के निर्देश पर बस्तर संभाग सहित प्रदेश के अनेक जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने केंद्र सरकार, केंद्रीय गृह मंत्री और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के खिलाफ प्रदर्शन किया । प्रदर्शन के दौरान कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जमकर नारेबाजी की और इसे लोकतंत्र तथा संविधान पर हमला बताया। पुलिस ने दहन किए जा रहे पुतलों पर पानी डालकर आग बुझाई और अधजले पुतलों को कब्जे में लेकर बरामद किया।

इस पूरे मामले पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि ईओडब्लू द्वारा दर्ज प्राथमिकी पूरी तरह भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की पटकथा पर आधारित है। उन्होंने कहा कि "नेशनल हेराल्ड केस में दिल्ली आर्थिक अपराध शाखा ने ईडी और भाजपा के षड्यंत्र के आधार पर प्राथमिकी दर्ज की है। यह रिपोर्ट ईडी की जांच से प्रेरित है। नेशनल हेराल्ड मामले में लगाए गए आरोप पूरी तरह काल्पनिक, तथ्यहीन और केवल कांग्रेस नेताओं को बदनाम करने के मकसद से हैं।

उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार का यह कदम विपक्ष की मुखर आवाज से पैदा हुए डर को दिखाता है। उन्होंने कहा कि "लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी जिस दृढ़ता और सटीकता से मोदी सरकार को लगातार जनहित के मुद्दों पर कटघरे में खड़ा कर रहे हैं, जनता की आवाज बनकर सड़कों से संसद तक गूंज रहे हैं, उससे घबराकर केंद्र सरकार ने जांच एजेंसियों को आगे कर यह षड्यंत्र रचा है।

उन्होंने कहा कि कहा कि केंद्र सरकार संवैधानिक संस्थाओं का उपयोग लोकतांत्रिक संतुलन बनाए रखने के लिए नहीं, बल्कि उसे बिगाड़ने के लिए कर रही है। उन्होंने कहा, "भाजपा की केंद्र सरकार दबाव की राजनीति कर रही है, और सोचती है कि ईडी, केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई), आयकर विभाग (आईटी) और सुरक्षा बलों को आगे कर कांग्रेस नेतृत्व द्वारा जनता के हित में उठाई जा रही आवाज को दबा देगी, लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसका नेतृत्व इन दमनकारी नीतियों से डरने वाला नहीं है।"श्री बैज ने कहा कि ईडी सत्ता की गुलाम बन चुकी है। यह जनता का भरोसा खो चुकी संस्था बन गई है। इसलिए इसे भंग कर दिया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड अखबार सेक्शन 25 के तहत एक गैर-लाभकारी कंपनी थी, जिसमें किसी तरह की वित्तीय अनियमितता नहीं हुई। ईडी, भाजपा द्वारा लिखी पटकथा पर राजनीतिक प्रतिशोध की भावना से काम कर रही है। इस मामले में न अपराध, न पैसा और न कोई ठोस सुराग मिला, फिर भी कांग्रेस नेतृत्व को बदनाम करने के लिए कार्रवाई की जा रही है। सुकमा के घड़ी चौक में सड़क पर उतरकर कांग्रेस ने नारे लगाए, पुतला जलाया और प्रवर्तननिदेशालय-सीबीआई पर प्रतिशोधी कार्रवाई के आरोप लगाए। इस दौरान शेख सज्जार, सतेंद्र गुप्ता, मोहम्मद हुसैन, मुकेश कश्यप, गुलाम मुर्तजा, इलेन पोटला, शेख नजीर जैसे कांग्रेस नेता मौजूद रहे।

वहीं, कोंडागांव में जिला कांग्रेस कमेटी के कार्यकर्ता नारे लगाते मुख्य मार्ग तक पहुंचे और केंद्र सरकार का पुतला दहन किया। रितेश पटेल ने इसे भाजपा की बौखलाहट बताया और कहा कि जांच एजेंसियों का इस्तेमाल राजनीतिक हथियार की तरह किया जा रहा है, जिसे कांग्रेस बर्दाश्त नहीं करेगी।

कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता उज्ज्वल दीपक ने कहा कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं ने अवैध संपत्ति के जरिए आय अर्जन की कोशिश की थी, इसलिए जांच स्वाभाविक है। उन्होंने कहा कि जांच एजेंसियों का दुरुपयोग नहीं बल्कि सदुपयोग हो रहा है। उन्होंने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय ने सीबीआई को तोता कहा था, तब संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का दौर था। हेराल्ड केस में शेयरहोल्डिंग का एक पूरा पैटर्न था, जिन पर कई हस्ताक्षर और लेनदेन से जुड़े तथ्य रिपोर्ट में शामिल रहे हैं। कांग्रेस अपने प्रदर्शन को जारी रखें, लेकिन उन्हें समझ लेना चाहिए कि राजनीतिक लड़ाई संसद में हो या सड़क पर, कानून अपना काम करेगा। भाजपा प्रवक्ता ने व्यंग्यात्मक लेकिन आक्रामक शब्दों में यह भी कहा कि कांग्रेस लंबे समय तक केवल पुतला दहन ही करती रह गई है और आने वाले कई वर्षों तक यही उनकी नियति बन सकती है।

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