रायपुर/अंबिकापुर , नवंबर 07 -- छत्तीसगढ़ में एक बार फिर आबकारी नीति में बड़ा बदलाव होने की संभावनाएं तेज हो गई हैं। चर्चाओं के अनुसार, राज्य सरकार शराब की बिक्री से अपना हाथ खींचने की तैयारी में है। यदि यह निर्णय लागू होता है, तो राज्य में शराब बिक्री का काम निजी हाथों में सौंपा जाएगा। यह परिवर्तन न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण होगा, बल्कि राज्य की अर्थव्यवस्था और सामाजिक ढांचे पर भी इसका व्यापक प्रभाव पड़ सकता है।

ज्ञात हो कि अब तक राज्य में भाजपा और कांग्रेस दोनों ही सरकारों के दौरान शराब की बिक्री का संचालन सरकार स्वयं करती रही है। वर्ष 2017 में भाजपा सरकार ने राज्य में शराब की खुदरा बिक्री को सरकारी नियंत्रण में लेकर "छत्तीसगढ़ राज्य विपणन निगम" के माध्यम से इसका संचालन शुरू किया था। कांग्रेस शासनकाल (2018-2023) में भी यह व्यवस्था यथावत रही।

अब मौजूदा भाजपा सरकार द्वारा इस नीति में परिवर्तन की तैयारी की जा रही है। इस मुद्दे पर लंबे समय से राजनेताओं के बीच मतभेद रहे हैं, एक पक्ष का कहना है कि सरकार को राजस्व के लिए शराब बेचना उचित है, जबकि दूसरा पक्ष इसे नैतिक और सामाजिक दृष्टि से गलत मानता है।

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