जगदलपुर , अक्टूबर 17 -- छत्तीसगढ़ के जगदलपुर में शुक्रवार को 208 नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ राज्य पुलिस के महानिदेशक अरुण देव गौतम के समक्ष आत्मसमर्पण किया और मुख्यधारा में शामिल होने के लिए अपने हथियार डालने के साथ अब उनके हाथों में भारत के संविधान की प्रति है।

यह कार्यक्रम मूल रूप से मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उप मुख्यमंत्री अरुण साव की उपस्थिति में होना था, लेकिन किन्हीं कारणों से वे उपस्थित नहीं हो सके। सभी नक्सलियों ने पुलिस महानिदेशक के समक्ष आत्मसमर्पण किया।

आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को संविधान की प्रति भेंट कर सम्मानित किया गया। आत्मसमर्पण करने वालों में रणनीता राजू सलाम और रतन एल्म जैसे प्रमुख नक्सली शामिल हैं। कुल 208 नक्सलियों के आत्मसमर्पण से छत्तीसगढ़ में शांति और कानून व्यवस्था की स्थिति में सुधार की उम्मीद जताई जा रही है।

आत्म समर्पित नक्सलियों को समाज में स्वीकारने के लिए बस्तर पुलिस ने मांझी चालकी को आमंत्रित किया है। मांझी चालकी ने आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को लाल गुलाब देकर समाज की मुख्य धारा में आने पर स्वागत किया।

आज आत्मसमर्ण करने वाले कुल 208 नक्सलियों में से 110 महिला और 98 पुरुष नक्सली शामिल हैं। नक्सलियों ने 153 हथियारों के साथ आत्मसमर्पण किया। हथियारों में 19 एके 47 राइफल, 17 एसएलआर रायफल, 23 इंसास रायफल, एक इंसास एलएमजी, 36 थ्री नॉट थ्री, चार कार्बाइन, 11 बीजीएल लॉन्चर, 41 बंदूक सिंगल शॉट, और 01 पिस्टल शामिल है।

अधिकारियों ने बताया कि इससे अबूझमाड़ का अधिकांश हिस्सा नक्सली प्रभाव से मुक्त हो जाएगा और उत्तरी बस्तर में लाल आतंक का अंत हो जाएगा। उन्होंने कहा कि अब केवल दक्षिणी बस्तर ही बचा है।

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