मिर्जापुर , अक्टूबर 25 -- बिहार,ओडिशा और झारखंड समेत कई अन्य राज्यों में छठ पूजा के मौके पर पीतल नगरी मिर्जापुर में निर्मित सूपों की मांग बढ़ने से यहां के बर्तन व्यवसायी खुश हैं।

मिर्जापुर अपने गुणवत्ता पूर्ण पीतल के लिए सारे देश में प्रसिद्ध रहा है। मिर्जापुर के पीतल को देश में उच्चकोटि का माना जाता रहा है। तांबा और जस्ता को मानक के अनुरूप मिलाना एक बड़ी कला होती है। यहां के कारीगर इसमें माहिर रहे हैं, हालांकि एक शताब्दी प्राचीन इस बर्तन मंडी में शादी विवाह एवं अन्य धार्मिक आयोजनों के लिए बड़े बर्तन हंडा परात, थार,परात,कल्छुल आदि बड़े बर्तनों का निर्माण किया जाता रहा है,जिसकी मांग समय के साथ कम होती गई। लिहाजा यहां का बर्तन उद्योग समाप्त होने की कगार पर पहुंच गया था।

जिले के प्रमुख बर्तन निर्माता विश्वनाथ अग्रवाल बताते हैं कि भाजपा सरकार आने के बाद यहां के बर्तन उद्योग को ओडीओपी स्कीम में लिया गया, जिसके चलते हमें काफी सहुलियत मिली है। अब यहां फैन्सेबुल बर्तन बनाने लगे हैं। बर्तनों की मांग में गुणवत्ता परिवर्तन आया है। एक अन्य व्यवसायी बालगोविंद कहते हैं कि सूपों का निर्माण पहले भी होता रहा है। लेकिन जीएसटी की कटौती से इस बार दाम में कमी आई है।वे आगे कहते हैं यहां से सस्ते सूप अन्य स्थानों पर उपलब्ध है,पर मिर्जापुर का पीतल अन्य स्थानों की अपेक्षा अधिक गुणवत्ता पूर्ण है। ऐसे में शौकीन ग्राहकों में मांग बढ़ी है।

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