पटना , अक्टूबर 21 -- लोक आस्था के महापर्व छठ को लेकर पटना नगर निगम की तैयारियां अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी हैं।
राजधानी के सभी घाटों पर सफाई, साज-सज्जा एवं प्रकाश व्यवस्था का कार्य युद्धस्तर पर किया जा रहा है। गंगा तट के प्राकृतिक घाटों के साथ-साथ कृत्रिम घाटों पर भी निगम ने समान रूप से ध्यान केंद्रित किया है, जिससे श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
नगर आयुक्त यशपाल मीणा ने आज सभी छह अंचलों के घाटों (नासरीगंज से कंगन घाट तक के सभी छोटे बड़े घाट) का नाव से निरीक्षण किया। उन्होंने काली घाट, गाय घाट, नौजर घाट, कलेक्ट्रीएट घाट, कृष्णा घाट, महेंद्रु घाट, बांस घाट, दीघा घाट, कुर्जी घाट सहित कई प्रमुख घाटों पर पहुंचकर तैयारियों की समीक्षा की।उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया कि सफाई, अप्रोच रोड, विद्युत आपूर्ति, पेयजल, शौचालय एवं सुरक्षा व्यवस्था के सभी कार्य निर्धारित समय में पूर्ण कर लिए जाएँ एवं विभिन्न गंगा घाटों पर लगाये जाएंगे हॉट एयर बलून जिससे दूर से श्रद्धालु को दूर से ही घाट का पता चल सकें साथ ही दिशा सूचक भी लगाएं जाएंगे।
गौरतलब है की लगभग 91 गंगा घाट एवं 61 तालाब में इस बार महापर्व छठ के लिए श्रद्धालु पहुंचेंगे और श्रद्धालुओं की सुरक्षा एवं अन्य सुविधाओं का ध्यान रखते हुए इस बार छठ घाट पर 355 चेंजिंग रूम ,14 यात्री शेड ,106 नियंत्रण कक्ष , 13 सहायक नियंत्रण कक्ष और 154 वॉच टावर बनाए जा रहे हैं।
पटना नगर निगम द्वारा आमजन को स्वच्छता के प्रति जागरूक करने के उद्देश्य से दीपोत्सव का आयोजन किया जा रहा है। 22 अक्टूबर ( बुधवार) को पाटीपुल घाट शाम में छह बजे दीपोत्सव एवं गंगा आरती का आयोजन किया जाएगा । इसमें लोक गायिका एवं पटना नगर निगम की ब्रांड एम्बेसडर श्रीमती नीतू नवगीत द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम की भी प्रस्तुति होगी।गंगा नदी के अंदर श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए बैरिकेडिंग का कार्य कई घाटों पर पूर्ण कर लिया गया है, वहीं कुछ घाटों पर यह कार्य तेजी से चल रहा है। निगम ने यह सुनिश्चित किया है कि जलस्तर के अनुरूप बैरिकेडिंग की मजबूती और लंबाई का पूरा ध्यान रखा जाए ।
पटना नगर निगम की पूरी टीम यह सुनिश्चित कर रही है कि श्रद्धालुओं को स्वच्छ, सुरक्षित और सौहार्दपूर्ण वातावरण प्राप्त हो। सभी अंचल पदाधिकारियों को सतत निगरानी एवं नियंत्रण कक्ष से समन्वय बनाकर कार्य करने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), निगम कर्मी एवं सफाई कर्मी की टीमें चौबीसों घंटे तैनात रहेंगी।
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