रायसेन , अक्टूबर 16 -- मध्यप्रदेश में रायसेन जिले के जैथारी थाने से पुलिस की लापरवाही और कथित भ्रष्टाचार का गंभीर मामला सामने आया है। एक वर्ष पूर्व गांव से लापता हुई नाबालिग लड़की को हाल ही में इंदौर से चौकी जैथारी प्रभारी अरविंद पांडे ने बरामद किया, लेकिन परिजनों ने आरोप लगाया है कि चौकी प्रभारी ने आरोपी से तीन लाख रुपये लेकर पूरे मामले को दबा दिया।
पीड़िता के पिता ने मुख्यमंत्री, पुलिस महानिदेशक, कलेक्टर और एसपी रायसेन के नाम आवेदन देकर कार्रवाई की मांग की है। आवेदन में चौकी प्रभारी पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। पिता का कहना है कि आरोपी सोनू विश्वकर्मा, जो पहले 108 एंबुलेंस सेवा में चालक था, उनकी नाबालिग बेटी को बहला-फुसलाकर भगा ले गया था।
पीड़िता के पिता के अनुसार, उन्होंने बेटी के लापता होने की रिपोर्ट थाना सिलवानी के अंतर्गत चौकी जैथारी में दर्ज कराई थी। लेकिन पूरे एक वर्ष बाद भी पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की। अंततः जब बच्ची बरामद हुई तो चौकी प्रभारी ने न तो उसका मेडिकल कराया और न ही आरोपी को गिरफ्तार किया। पिता का आरोप है कि उन्होंने चौकी प्रभारी को वीडियो रिकॉर्डिंग और फोटो साक्ष्य सौंपे थे, जिनमें आरोपी के साथ बेटी के दृश्य थे, लेकिन चौकी प्रभारी ने सबूत नष्ट कर मामले को रफा-दफा कर दिया।
पिता ने बताया कि जब उन्होंने बेटी के शरीर पर चोट के निशान देखकर मेडिकल जांच की मांग की, तो चौकी प्रभारी ने इंकार कर दिया और बालिका को बाल कल्याण समिति के सुपुर्द कर दिया। पिता का यह भी कहना है कि आरोपी अब भी उन्हें धमका रहा है और चौकी प्रभारी उसे संरक्षण दे रहे हैं।
परिजनों ने मांग की है कि मामले की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक रायसेन से कराई जाए और चौकी प्रभारी अरविंद पांडे को तत्काल निलंबित किया जाए। उन्होंने अपने आवेदन के साथ बेटी की दसवीं की अंकसूची, रिपोर्ट की प्रति और शपथ पत्र भी संलग्न किए हैं। एसपी रायसेन पंकज पांडे ने बताया कि मामला बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) को भेजा गया है और समिति की रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
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