बैतूल , अक्टूबर 27 -- मध्यप्रदेश में बैतूल जिले की कोल नगरी पाथाखेड़ा-सारणी में एक मां की बेबसी ने स्वास्थ्य व्यवस्था की वास्तविक तस्वीर सामने ला दी। शोभापुर निवासी कॉस्मेटोलॉजिस्ट सारिका मिस्त्री का बेटा तुषार रविवार देर रात साइकिल से गिर गया। उसके पैर की उंगलियों में चोट लगने से खून बहने लगा। मात्र तीन टांके लगवाने के लिए मां को चार घंटे तक अस्पतालों के चक्कर लगाने पड़े।

रात करीब 11:55 बजे हादसे के बाद सारिका पहले एक निजी डॉक्टर के पास पहुंचीं, लेकिन इलाज नहीं मिला। इसके बाद वे डब्ल्यूसीएल अस्पताल पहुंचीं, जहां कोयला कंपनी का अस्पताल होने के बावजूद इलाज से इनकार कर दिया गया। आखिरकार, वे बेटे को लेकर 20 किलोमीटर दूर घोड़ाडोंगरी सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) पहुंचीं, जहां डॉक्टर देर से पहुंचे।

सारिका ने कहा, "बेटे के घाव से खून बह रहा था, मैं बस मदद चाह रही थी. लेकिन हर जगह दरवाजे बंद मिले।" उन्होंने पूरी घटना का वीडियो बनाया, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया।

मामले की जानकारी मिलते ही कलेक्टर नरेंद्र सूर्यवंशी ने तत्काल कार्रवाई की। उन्होंने समय- सीमा की बैठक के दौरान ही बीएमओ संजीव शर्मा और ड्यूटी पर तैनात पांच कर्मचारियों का एक दिन का वेतन रोकने के निर्देश दिए। सीएमएचओ डॉ. मनोज हुरमाड़े ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।

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