चेन्नई , दिसंबर 21 -- काशी तमिल संगमम 4.0 पहल के तहत उत्तर प्रदेश के काशी से लगभग 300 विद्यार्थी रविवार को दक्षिण भारत के शैक्षिक और सांस्कृतिक केंद्र चेन्नई पहुंचे।
चेन्नई रेलवे स्टेशन पर विद्यार्थियों का गर्मजोशी से और पारंपरिक तरीके से स्वागत किया गया। इस अवसर पर भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मद्रास के संकाय सदस्य, अधिकारी और जन प्रतिनिधि विद्यार्थियों का स्वागत करने के लिए मौजूद थे। उन्होंने विद्यार्थियों का स्वागत किया और सांस्कृतिक एकता, आपसी समझ और सहयोग की भावना पर प्रकाश डाला, जिसे यह पहल दोनों राज्यों के बीच मजबूत करना चाहती है।
इस दौरे के दौरान, तमिलनाडु के गवर्नर आर. एन. रवि ने विद्यार्थियों से बातचीत की और काशी तथा तमिलनाडु के बीच गहरे सांस्कृतिक संबंधों की जानकारी दी तथा ऐसे सांस्कृतिक आदान-प्रदान कार्यक्रमों के महत्व पर बल दिया। इस शैक्षिक और सांस्कृतिक दौरे के दौरान, विद्यार्थी तमिल भाषा, साहित्य, संस्कृति, परंपराओं और शिक्षा प्रणाली का गहराई से अध्ययन करेंगे। उन्हें दक्षिण भारत के प्रसिद्ध मंदिरों, ऐतिहासिक स्थलों और शिक्षण संस्थानों का दौरा करने और उनके बारे में जानने का भी मौका मिलेगा। विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए, आईआईटी मद्रास के अधिकारियों ने कहा कि काशी और तमिलनाडु दोनों ही भारत की प्राचीन सभ्यताओं के प्रमुख केंद्र रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसी यात्राएँ न केवल भाषा और संस्कृति की समझ को बढ़ावा देती हैं बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी मज़बूत करती हैं।
विद्यार्थियों ने इस यात्रा को लेकर बहुत उत्साह दिखाया। चेन्नई रेलवे स्टेशन पर मिले पारंपरिक स्वागत से उनका जोश और बढ़ गया। उन्होंने कहा कि हरी-भरी हरियाली, मंदिरों की भव्यता और इस क्षेत्र की भाषा और संस्कृति के बारे में जानने का मौका मिलने से यह अनुभव नया और यादगार बन गया। तीन सौ विद्यार्थियों को 10 समूहों में बांटा गया है। ये विद्यार्थी 10 दिनों की अवधि में तमिल भाषा सीखेंगे, अलग-अलग विश्वविद्यालय में रहेंगे, और दक्षिण भारत के अलग-अलग हिस्सों में यात्रा करेंगे। यह कार्यक्रम रामेश्वरम की यात्रा के साथ खत्म होगा।
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