नयी दिल्ली , दिसम्बर 01 -- विपक्ष ने सोमवार को राज्यसभा में सभी विधायी कामकाज रोककर चुनाव सुधारों के मुद्दे पर चर्चा कराने की मांग की जिसपर सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिलने पर विपक्षी सदस्यों ने सदन से बहिर्गमन किया। शीतकालीन सत्र के पहले दिन सभापति सी पी राधाकृष्णन के स्वागत सम्मान में विभिन्न दलों के नेताओं के वक्त्व्यों के बाद विधायी दस्तावेज सदन के पटल पर रखे गये और दिवंगत सदस्यों को श्रद्धांजलि दी गयी। श्री राधाकृष्णन ने इसके बाद विधायी कामकाज शुरू करते हुए कहा कि उन्हें नियम 267 के तहत विभिन्न विषयों पर नौ नोटिस मिले हैं लेकिन ये सभी नियमों के अनुरूप नहीं हैं इसलिए इन्हें स्वीकार नहीं किया गया है।

सभापति ने इसके बाद जैसे ही शून्यकाल की कार्यवाही शुरू करनी चाही, तृणमूल कांग्रेस के डेरेक ओ ब्रायन ने चुनाव सुधारों पर चर्चा कराने की मांग की । उन्होंने कहा कि विपक्ष ने रविवार को कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में यह प्रस्ताव दिया था। उन्होंने कहा कि इस प्रस्ताव की भाषा पर सहमति बनायी जा सकती है लेकिन इस पर चर्चा कराई जानी चाहिए। सरकार की ओर से कहा गया था कि वह इस बारे में विपक्ष को अवगत करायेगी लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी गयी है।

इस पर संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि विपक्ष का प्रस्ताव अभी सरकार के विचाराधीन है और उसे जल्द ही इस बारे में जानकारी दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कुछ अन्य सदस्यों ने भी अलग विषयों पर चर्चा के लिए नोटिस दिये हैं और सरकार किसी मुद्दे को दबाना नहीं चाहती। सरकार ने अभी चुनाव सुधारों पर चर्चा से इंकार नहीं किया है। उन्होंने कहा कि समय को लेकर शर्त नहीं लगाई जानी चाहिए और सरकार जल्द ही विपक्ष को जानकारी देगी।

विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि सरकार विपक्षी दलों में विभाजन करना चाहती है लेकिन वह स्पष्ट करना चाहते हैं कि इन कोशिशों का उलटा असर होगा और विपक्ष ज्यादा मजबूत होगा। उन्होंने कहा कि चुनाव सुधारों पर चर्चा कराने का सभी विपक्षी दलों का निर्णय है और सबने सुबह हुई बैठक में इस निर्णय को दोहराया था। उन्होंने कहा कि एसआईआर बहुत महत्वपूर्ण विषय है।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के जॉन ब्रिटास ने कहा कि मंत्री अब अपनी बात से पीछे हट रहे हैं। सदन में कांग्रेस के उपनेता प्रमोद तिवारी ने कहा कि यह गंभीर प्रकरण है और काम के दबाव के कारण अधिकारियों की मृत्यु हो रही है।

सभापति राधाकृष्णन ने कहा कि मंत्री ने इस विषय पर चर्चा कराने से मना नहीं किया है और सरकार इस बारे में विपक्ष को जानकारी देगी।

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