भुवनेश्वर , नवंबर 01 -- ओडिशा उच्च न्यायालय ने बरहामपुर के पुलिस अधीक्षक को एक विचाराधीन चुनाव याचिका के बारे में सार्वजनिक बयान देने के लिए फटकार लगाते हुए कहा है कि ऐसे आचरण को इस न्यायालय की अवमानना क्यों न माना जाए।न्यायमूर्ति शशिकांत मिश्रा की पीठ ने शुक्रवार को एक आदेश में यह बात कही।
पीठ ने कहा कि वरिष्ठ वकील ने आगे दलील दी कि एक प्रेस कॉन्फ्रेंस का वीडियो उपलब्ध है जिसमें पुलिस अधीक्षक चुनाव याचिका के संभावित परिणाम पर टिप्पणी करते हुए भी दिखाई दे रहे हैं, जो पूरी तरह से अनुचित है।
न्यायमूर्ति मिश्रा ने कहा, "इसलिए, यह अदालत बरहामपुर के पुलिस अधीक्षक से स्पष्टीकरण मांगना उचित समझती है कि उन्होंने किन परिस्थितियों में और किस कारण से उपरोक्त बयान दिया, खासकर इस अदालत द्वारा सुनवाई की जा रही चुनाव याचिका का हवाला देते हुए और इस तरह के आचरण को इस अदालत की अवमानना क्यों न माना जाए।"बरहामपुर विधानसभा क्षेत्र के मतदाता मनोज कुमार पांडा ने अपने हलफनामे में अदालत को बताया कि सादे कपड़ों में पुलिसकर्मियों ने उन्हें जबरन पुलिस वाहन में बिठाया और बैरक में ले गए, जहाँ उन्हें हिरासत में लिया और चुनाव याचिका के बारे में , खासकर ये पूछा गया कि उन्होंने बरहामपुर के मौजूदा विधायक के. अनिल कुमार के खिलाफ याचिका क्यों दायर की।
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