पटना , अक्टूबर 09 -- बिहार जनता दल यूनाईटेड (जदयू) के अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने गुरुवार को कहा कि चुनाव में करारी हार के भय से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव हताश हो गये हैं।
श्री कुशवाहा ने बयान जारी कर कहा कि तेजस्वी के हावभाव और बयानबाज़ी में हताशा, घबराहट और बेचैनी साफ झलक रही है। उन्होंने कहा कि तेजस्वी, रटी-रटाई स्क्रिप्ट पढ़कर लगातार जनता को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। तेजस्वी की बौखलाहट इस कदर बढ़ चुकी है कि यदि वे कल चांद-तारे तोड़ लाने की भी घोषणा कर दें, तो भी किसी को आश्चर्य नहीं होगा।
श्री कुशवाहा ने कहा कि जिस नेता के पास नीति और नीयत न हो, वह आधारहीन बयानबाजी के सहारे अपना राजनीतिक चेहरा तो चमका सकता है, लेकिन बिहार की जागरूक जनता को बेवकूफ बनाने में कभी सफल नहीं होगा। यह बात किसी से छिपी नहीं है कि लालू परिवार ने रेलवे में नौकरी के बदले गरीबों की जमीन हड़पने का काम किया था, आज वे किस मुंह से सरकारी नौकरी की बात कर रहे हैं। उन्होंने चुनौती देते हुए कहा कि यदि तेजस्वी यादव में जरा भी नैतिकता बाकी है, तो नौकरी के बदले हड़पी गई जमीन तुरंत उन गरीबों को वापस करने की घोषणा करें।
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि सात निश्चय पार्ट 2 के तहत नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार ने 50 लाख से अधिक नौकरी और रोजगार सृजित कर इतिहास रचा है। उन्होंने बताया कि अगले पांच वर्षों में एक करोड़ से अधिक नौकरी और रोजगार पैदा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। इसी दिशा में हाल ही में जननायक कर्पूरी ठाकुर कौशल विश्वविद्यालय का शुभारंभ भी किया गया है, जो बिहार में कौशल विकास और रोजगार के अवसर बढ़ाने की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
श्री कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार पक्के इरादे वाले नेता हैं, जो अपने वादों को करके दिखाते हैं, जबकि तेजस्वी यादव की राजनीति झूठे वादों की बुनियाद पर टिकी है। उन्होंने स्पष्ट किया कि बिहार की जनता तेजस्वी के झांसे में नहीं आने वाली हैय जनता अब फर्जी दावों पर नहीं, बल्कि ठोस परिणामों के आधार पर अपने नेता का चुनाव करती है।
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