पटना , अक्टूबर 21 -- बिहार विधानसभा चुनाव के लिए चुनाव आयोग ने निष्पक्ष और पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया सुनिश्चित करने के उद्देश्य से एक अहम निर्देश जारी करते हुये किसी भी राजनीतिक दल, उम्मीदवार, संगठन या व्यक्ति को चुनाव के दिन और चुनाव के एक दिन पूर्व प्रिंट मीडिया में कोई भी विज्ञापन बिना मीडिया प्रमाणन एवं निगरानी समिति (एमसीएमसी) से पूर्व- अनुमति के प्रकाशित करने की अनुमति नहीं होगी।
बिहार में यह प्रतिबंध दो चरणों में लागू होगा। इसके तहत पहले चरण गुरूवार, छह नवंबर को निर्धारित मतदान की तिथि और उसके एक दिन पूर्व बुधवार, पांच नवंबर को विज्ञापन प्रतिबंधित की गयी हैं।
वहीं दूसरे चरण मंगलवार, 11 नवंबर को निर्धारित मतदान की तिथि और उसके एक दिन पूर्व सोमवार, 10 नवंबर को विज्ञापन प्रतिबंधित रहेंगी।
चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया है कि इन निर्धारित तिथियों पर प्रिंट मीडिया में कोई भी राजनीतिक विज्ञापन तब तक प्रकाशित नहीं की जा सकेंगी, जब तक उसे राज्य या जिला स्तर पर गठित एमसीएमसी की ओर से प्रकाशन पूर्व मंजूरी न मिल गयी हो।
ऐसे किसी भी विज्ञापन के प्रकाशन के लिये इच्छुक उम्मीदवारों या दलों को प्रकाशन की प्रस्तावित तिथि से कम से कम दो दिन पहले एमसीएमसी के समक्ष आवेदन करना अनिवार्य होगा। समिति को निर्देश दिया गया है कि कि वे समयबद्ध ढंग से विज्ञापनों की जांच करें और आवश्यकतानुसार पूर्व- अनुमति प्रदान करें, जिससे कोई भी उम्मीदवार या दल समय पर प्रचार कर सके।
चुनाव आयोग का यह कदम झूठे या भ्रामक प्रचार पर अंकुश लगाने और मतदाताओं को तथ्यात्मक जानकारी उपलब्ध कराने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल माना जा रहा है। इससे यह भी सुनिश्चित होगा कि मतदान से ठीक पहले मतदाताओं को प्रभावित करने वाले अप्रमाणित और असत्यापित प्रचार से बचा जा सके।
राज्य भर में एमसीएमसी समितियों को सक्रिय कर दिया गया है और उन्हें विशेष निर्देश दिये गये हैं कि वे सभी आवेदनों की त्वरित जांच करें और शीघ्र निर्णय लें।
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