कोलकाता , अक्टूबर 16 -- चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल के 78 विधानसभा क्षेत्रों में निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) को तत्काल बदलने का आदेश दिया है। आयोग ने पाया है कि इन अधिकारियों की नियुक्ति चुनाव आयोग द्वारा निर्धारित मानदंडों का उल्लंघन करते हुए की गयी है।

आयोग ने इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र भेजकर ऐसे अधिकारियों के नाम प्रस्तावित करने का निर्देश दिया है जो चुनाव आयोग के निर्धारित मानकों के अनुरूप हों।

आयोग के अनुसार, केवल पश्चिम बंगाल सिविल सर्विस (कार्यकारी) कैडर के उप-मंडलाधिकारी या ग्रामीण विकास अधिकारी जैसे अधिकारी ही ईआरओ नियुक्त किए जा सकते हैं।

कोलकाता स्थित मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) कार्यालय के एक अधिकारी ने हालांकि कहा कि आयोग ने पाया कि इन निर्वाचन क्षेत्रों में निर्धारित रैंक से नीचे के अधिकारी नियुक्त किए गए थे। इसी के कारण उन्हें बदलने का निर्देश दिया गया है।

सूत्रों ने कहा कि चुनाव आयोग अब पश्चिम बंगाल के सभी 294 विधानसभा क्षेत्रों में ईआरओ की रैंक एवं पात्रता की समीक्षा कर रहा है और अन्य क्षेत्रों में भी इसी तरह की अनियमितताएं सामने आ रही हैं।

आयोग ने यह कार्रवाई विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी की हालिया शिकायत के बाद की है जिन्होंने ईआरओ की नियुक्ति में कथित उल्लंघन का मामला चुनाव आयोग के समक्ष उठाते हुए चिंता व्यक्त की थी।

श्री अधिकारी ने कहा था कि आयोग के मानदंडों का उल्लंघन करते हुए कई अयोग्य अधिकारियों की नियुक्ति की गई। इसके बाद, चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय को निर्देश दिया कि वह ईआरओ और बीएलओ दोनों की नियुक्ति के लिए निर्धारित मानदंडों का कड़ाई से पालन करे।

चुनाव आयोग ने सभी जिला मजिस्ट्रेटों (जो जिला निर्वाचन अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं) और अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेटों (चुनाव) को इस सप्ताह के अंदर अधिकारियों की "मैपिंग एवं मिलान" का काम पूरा करने का निर्देश दिया है।

प्रक्रिया पूरी होने के बाद मतदाता सूचियों के विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) के लिए अधिसूचना जारी की जाएगी।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज कुमार अग्रवाल ने पिछले सप्ताह स्पष्ट किया था कि अंतिम संक्षिप्त संशोधन से 2022 की मतदाता सूची में सूचीबद्ध सभी मतदाता वैध रहेंगे।

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