कोलकाता , नवंबर 08 -- भारत निर्वाचन आयोग ने पश्चिम बंगाल में मतदाता सूची के चल रहे विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) में कथित अनियमितताओं के लिए आठ बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पांच बूथ स्तरीय एजेंटों (बीएलए) के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की है।
चुनाव आयोग ने यह कार्रवाई उन शिकायतों के परिप्रेक्ष्य में की है जिनमें कहा गया था कि कई बीएलओ अनिवार्य घर-घर जाकर गणना फॉर्म वितरित करने के बजाय स्कूलों और पार्टी कार्यालयों जैसे विशिष्ट स्थानों से गणना फॉर्म वितरित कर रहे थे।
आयोग के सूत्रों के अनुसार पांच बीएलए के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है, जो कथित तौर पर बीएलओ पर मृत मतदाताओं के नाम पर गणना फॉर्म सौंपने का दबाव बना रहे थे।
प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) ने शनिवार को बताया कि आयोग किसी भी बीएलओ के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने में संकोच नहीं करेगा, जो जानबूझकर फॉर्म में छेड़छाड़ करते या किसी विशेष राजनीतिक दल का प्रतिनिधित्व करने वाले बीएलए के प्रभाव में काम करते पाए जाते हैं।
जिला निर्वाचन पंजीकरण अधिकारियों (ईआरओ) ने अनियमित वितरण की कई शिकायतें मिलने के बाद कूचबिहार और उत्तर 24 परगना सहित कई जिलों के बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए हैं।
इससे पहले आयोग ने चेतावनी दी थी कि उसके घर-घर जाकर मतदान करने के निर्देश का पालन न करने वाले अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।
इस बीच आयोग ने शनिवार को नागरिकों के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर - 033-22310850 - शुरू किया, ताकि वे कथित रूप से पक्षपातपूर्ण व्यवहार में लिप्त बीएलओ के खिलाफ शिकायत दर्ज करा सकें। ऐसी शिकायतों में नामित किसी भी बीएलओ से पहले पूछताछ के बाद उसे चेतावनी दी जाएगी और यदि वह अपराध दोहराता पाया जाता है, तो विभागीय जाँच का आदेश दिया जा सकता है।
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