पटना , अक्टूबर 10 -- चुनाव आयोग ने वैसे मतदाता जिनके पास मतदाता पहचान पत्र (ईपिक) नहीं है, लेकिन उनका नाम मतदाता सूची में दर्ज है तो वे 12 वैकल्पिक फोटो पहचान पत्रों में से किसी एक को दिखाकर मतदान कर सकेंगे।

मतदाताओं की सुविधा के लिये गये इस अहम फैसले की जानकारी चुनाव आयोग ने शुक्रवार को बयान जारी कर दी है। इस संबंध में चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचना भी जारी कर दी गयी है।

चुनाव आयोग की ओर से मान्य वैकल्पिक पहचान पत्रों की सूची में आधार कार्ड, मनरेगा जॉब कार्ड, फोटो सहित बैंक या डाकघर द्वारा जारी पासबुक, श्रम मंत्रालय या आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत जारी स्वास्थ्य बीमा स्मार्ट कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पैन कार्ड, एनपीआर के तहत आरजीआई की ओर से जारी स्मार्ट कार्ड, भारतीय पासपोर्ट, फोटो सहित पेंशन दस्तावेज, केंद्र, राज्य सरकार, पीएसयू, पब्लिक लिमिटेड कंपनी की ओर से जारी सेवा पहचान पत्र, सांसदों, विधायकों, विधान परिषद सदस्यों को जारी आधिकारिक पहचान पत्र और सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय द्वारा जारी यूडीआईडी कार्ड शामिल है।

आयोग ने स्पष्ट किया है कि मतदान के दिन वोट डालने के लिये मतदाता सूची में नाम दर्ज होना अनिवार्य है, केवल पहचान पत्र से काम नहीं चलेगा।

साथ ही महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिये, विशेषकर 'पर्दानशीं' (बुर्का या पर्दा करने वाली) महिलाओं के लिये चुनाव आयोग ने मतदान केंद्रों पर विशेष प्रबंध करने के निर्देश दिये हैं। महिला मतदान अधिकारियों की उपस्थिति में और गोपनीयता सुनिश्चित करते हुये उनकी पहचान की जायेगी।

आयोग के अनुसार, बिहार में लगभग 100 प्रतिशत मतदाताओं को ईपिक कार्ड जारी किये जा चुके हैं। इसके साथ ही चुनाव आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी को निर्देश दिया है कि नये मतदाताओं को अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के 15 दिनों के भीतर ईपिक कार्ड उपलब्ध करा दिया जाये।

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