चंडीगढ़ , अक्टूबर 13 -- शिरोमणि अकाली दल ने सोमवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से कहा कि उन्हेंसिख समुदाय को बताना चाहिए कि उन्होंने अपनी दादी एवं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की अगुवाई वाली कांग्रेस सरकार की श्री दरबार साहिब पर हमला करने के फैसले की कभी निंदा क्यों नहीं की।

अकाली दल के वरिष्ठ नेता यहां एक प्रेस कांफ्रेंस को संबोधित करते हुए महेश इंदर सिंह ग्रेवाल ने कहा कि हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता पी. चिंदबरम ने हाल ही में कहा था कि श्रीमती गांधी ने श्री दरबार साहिब पर हमले का आदेश देकर बहुत गलत फैसला लिया था, लेकिन उन्होंने इसे पुलिस, सेना और सरकार का सामूहिक फैसला बताया।

उन्होंने कहा, ''श्री दरबार साहिब पर हमले का आदेश इंदिरा गांधी ने दिया था, जिन्होंने इसका विरोध करने वाले लेफ्टिनेंट जनरल एस के सिन्हा को भी दरकिनार कर दिया था।''उन्होंने कहा कि यह सब जानते हैं कि हमले की कार्रवाई के लिए ब्रिटेन सरकार सहित विदेशी एजेंसियों से सलाह ली गयी थी। उन्होंने कहा,'' यह स्पष्ट है कि यह इंदिरा गांधी का एकमात्र फैसला था।''श्री ग्रेवाल ने कहा कि श्री चिंदबरम यह स्वीकार करने के बाद कि यह गलत कदम था, श्रीमती गांधी और श्री गांधी को इस मुद्दे पर अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।

उन्होंने कहा,'' नेताओं को यह बताना चाहिए कि उन्होंने कभी भी इस कृत्य की निंदा क्यों नहीं की, जिसका मकसद सिख परंपराओं और सिख संस्थाओं को तबाह करना था।''श्री ग्रेवाल ने कहा कि श्री चिंदबरम भी इस मामले में अपनी जिम्मेदारी से मुकर नहीं सकते, क्योंकि वे कांग्रेसी नेता के तौर पर 2008 से 2012 तक गृह मंत्री रहे हैं।

उन्होंने कहा,'' श्री दरबार साहिब पर हमले और 1984 के कत्लेआम से जुड़ी सभी संबंधित फाइलें उनके पास थी। उन्होंने दोनों ही मुद्दों पर कभी कोई सुधारात्मक कार्रवाई क्यों नहीं की। उन्हें यह भी बताना चाहिए कि उन्होंने ऐसा क्यों नही किया।''श्री ग्रेवाल ने हरियाणा के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) वाई. पूरन सिंह की आत्महत्या को निंदनीय घटना करार दिया तथा मृत अधिकारी की पत्नी के प्रति एकजुटता व्यक्त करते हुए कहा, '' अकाली दल इस मामले में न्याय सुनिश्चित करने की उनकी मांग का समर्थन करता है। ''उन्होंने कहा कि एक भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी की पत्नी की मांगें क्यों नहीं मानी जा रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार को किसी को बचाने की कोशिश नहीं करनी चाहिए और जाति के आधार पर भेदभाव का शिकार हुए एडीजीपी को न्याय मिलना सुनिश्चित करना चाहिए। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस मामले पर राजनीति नहीं की जानी चाहिए और चंडीगढ़ प्रशासन पर न्याय दिलाने के लिए उचित दबाव डाला जाना चाहिए।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित