जयपुर , नवम्बर 05 -- राजस्थान के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री गजेन्द्र सिंह खींवसर के निर्देशों पर स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृढ़ीकरण के लिए राज्य के चिकित्सा संस्थानों का तीन दिवसीय सघन निरीक्षण अभियान बुधवार से प्रारंभ हुआ।
चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की प्रमुख शासन सचिव गायत्री राठौड़ ने बताया कि पहले दिन राज्य स्तर, जोन, जिला एवं ब्लॉक स्तर के अधिकारियों ने 813 चिकित्सा संस्थानों का सघन निरीक्षण करके चिकित्सा संस्थानों में इण्डियन पब्लिक हेल्थ स्टेण्डर्ड को जांचा। जांच में पाई जा रही कमियों के आधार पर सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
उन्होंने बताया कि राज्य के चिकित्सा संस्थानों में मानकों को बेहतर करने की दृष्टि से पांच से सात नवम्बर तक सघन निरीक्षण अभियान प्रारंभ किया गया है। इस अभियान के तहत मेडिकल कॉलेज से जुड़े अस्पतालों, जिला अस्पतालों, मातृ एवं शिशु कल्याण केंद्रों, उप जिला अस्पतालों, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी), प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) एवं आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का निरीक्षण किया जा रहा है।
श्रीमती राठौड़ ने बताया कि निरीक्षण के दौरान चिकित्सा संस्थान में भवन एवं साफ - सफाई की स्थिति, मानव संसाधन की उपलब्धता, टीकाकरण, संस्थागत प्रसव, ओपीडी, आईपीडी में मरीजों की संख्या, संस्थान में आने वाले रोगियों की संख्या, नि:शुल्क दवा एवं जांच योजना के क्रियान्वयन सहित अन्य कई बिंदुओं पर गहन निरीक्षण किया जा रहा है।
निदेशक जन स्वास्थ्य डॉ. रवि प्रकाश शर्मा ने बताया कि निरीक्षण के पहले दिन 813 चिकित्सा संस्थानों का निरीक्षण किया गया है। इनमें तीन जिला अस्पताल, 23 उप जिला अस्पताल, एक सैटेलाइट अस्पताल, 125 सीएचसी, 267 पीएचसी एवं 394 आयुष्मान आरोग्य मंदिरों का गहन निरीक्षण किया गया है। निरीक्षण के दौरान पाई गई कमियों के आधार पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर सुधार के लिए जरूरी कदम उठाए जाएंगे।
निरीक्षण के दौरान चिकित्सा अधिकारियों ने एम्बुलेंस सेवाओं की स्थिति भी जांची। अधिकारियों ने एम्बुलेंस की स्थिति, उसमें सभी जीवनरक्षक उपकरणों की उपलब्धता एवं क्रियाशीलता को देखा।
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