रांची, 26अक्टूबर (वार्ता) झारखंड के पश्चिमी सिंहभूम ज़िले के सदर अस्पताल, चाईबासा में थैलेसीमिया से पीड़ित सात वर्षीय बच्ची के एचआईवी संक्रमित पाए जाने के मामले में झारखंड स्वास्थ्य विभाग ने बड़ी कार्रवाई की है।

विभाग ने लापरवाही बरतने के आरोप में चाईबासा के सिविल सर्जन, मेडिकल ऑफिसर इंचार्ज और एक लैब टेक्नीशियन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए स्वास्थ्य विभाग की विशेष सचिव डॉ. नेहा अरोड़ा के नेतृत्व में एक उच्च स्तरीय जांच टीम गठित की गई है। इस टीम में छह सदस्य होंगे। यह टीम पूरे मामले की गहराई से जांच कर विस्तृत रिपोर्ट विभाग को सौंपेगी। टीम को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि भविष्य में इस तरह की लापरवाही रोकने के लिए आवश्यक तकनीकी और प्रशासनिक सुधारों की सिफारिशें प्रस्तुत करें।

अपर मुख्य सचिव अजय कुमार सिंह ने रविवार को राज्य के सभी जिलों के सिविल सर्जनों के साथ आपात वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग की। इस बैठक में कारपोरेशन के एमडी अबू इमरान और विभाग की विशेष सचिव डॉ. नेहा अरोड़ा भी मौजूद थीं।

बैठक में स्वास्थ्य व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए गए ।

सभी जिलों में रैपिड किट से टेस्ट बंद कर नेट या एलिसा जैसी लेटेस्ट मशीनों से जांच करने का आदेश।

सभी सिविल सर्जनों को अपने-अपने ब्लड बैंक की जांच कर ऑडिट रिपोर्ट जल्द प्रस्तुत करने का निर्देश।सभी जिलों में ब्लड बैंक और लैब विभाग के रिक्त पदों पर तत्काल बहाली के आदेश दिए गए।सभी ब्लड बैंकों में ब्लड सेपरेटर और आधुनिक टेस्टिंग उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश।

श्री सिंह ने इस घटना को "गंभीर प्रणालीगत चूक" करार देते हुए कहा,"यह घटना बेहद चिंताजनक है। रैपिड किट द्वारा एचआईवी जांच तुरंत बंद करने और सभी जिलों में आधुनिक टेस्टिंग मशीनें अधिष्ठापित करने का निर्देश दिया गया है। ब्लड बैंक संचालन में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित की जाएगी।उन्होंने चेतावनी दी कि जांच रिपोर्ट आने के बाद जिम्मेदार अधिकारियों और कर्मचारियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।

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