रांची, 27अक्टूबर (वार्ता) भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) की झारखंड राज्य कमिटी के सचिव मनोज भक्त ने चाईबासा अस्पताल में थैलेसीमिया से पीड़ित बच्चों को एचआईवी संक्रमित रक्त चढ़ाए जाने मामले पर कहा कि यह राज्य के लिए गंभीर चिंता का विषय है।

श्री भक्त ने आज यहां पीड़ित बच्चों को बढ़िया से बढ़िया इलाज उपलब्ध कराने की मांग की। उन्होंने कहा कि इस घटना ने राज्य के चिकित्सा प्रबंधन और रक्त सुरक्षा प्रोटोकॉल की गंभीर कमज़ोरियों को उजागर किया है और इस तरह की घटनाएं सबसे कमज़ोर तबकों के लोगों के जीवन को अस्वीकार्य जोखिम में डालती हैं। हम मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की त्वरित कार्रवाई का स्वागत करते हैं, लेकिन इस खतरनाक लापरवाही की जड़ें कहीं गहरी हैं। इसलिए जनता के विश्वास को बनाये रखने के लिए जरूरी है कि स्वास्थ्य-सुरक्षा के प्रति लापरवाही के लिए ज़िम्मेवार अधिकारियों सख्त कार्रवाई के साथ-साथ रक्त प्रबंधन एवं विनमय नीति का पुनर्मूल्यांकन हो।

उन्होंने कहा कि चाईबासा अस्पताल की घटना कोई अकेली घटना नहीं है। राज्य में इसके पहले भी थैलेसीमिया प्रभावित बच्चों के परिवार द्वारा 2018-19 में संक्रमित रक्त चढ़ाने का आरोप रिम्स पर लगाया था। यह झारखंड के चिकित्सा प्रबंधन को प्रभावित करने वाली गहरी, व्यवस्थागत समस्याओं की एक स्पष्ट चेतावनी है। अपर्याप्त निगरानी, सुरक्षा प्रोटोकॉल के खराब कार्यान्वयन और प्रभावी निगरानी के अभाव के कारण ही इस तरह की बची जा सकनेवाली दुर्घटना सामने आती है। हमें नहीं भूलना चाहिए कि गरीब और हाशिए पर रहने वाले लोग ही सबसे अधिक इन व्यवस्थागत विफलताओं की मार का सामना करते हैं। थैलेसीमिया और अन्य पुरानी बीमारियों से पीड़ित बच्चे असमान रूप से प्रभावित होते हैं, क्योंकि वे जीवन रक्षक उपचार के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं पर निर्भर रहते हैं।

श्री भक्त ने कहा कि हम चाईबासा घटना और उससे जुड़ी सभी विफलताओं की एक व्यापक, निष्पक्ष जाँच की माँग करते हैं। राज्य को एक उत्तरदायी, स्वास्थ्य-उन्मुख नीति ढाँचा स्थापित करना चाहिए जो लाभ और सुविधावाद से ज़्यादा रोगी सुरक्षा को प्राथमिकता दे।

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