लखनऊ , नवम्बर 02 -- बंगाल की खाड़ी में बने गंभीर चक्रवाती तूफान "मोंथा" का प्रभाव अब समाप्त हो गया है। इसके प्रभाव से बीते सप्ताह उत्तर प्रदेश में मौसम में भारी उतार-चढ़ाव देखा गया। राज्य के कई हिस्सों जैसे आगरा, इटावा, बाराबंकी, झाँसी और फुर्सतगंज (अमेठी) में अक्टूबर महीने में अधिकतम तापमान न्यूनतम स्तर तक दर्ज किया गया था।

मौसम विभाग के वैज्ञानिक डॉ एके सिंह के अनुसार, अब चक्रवात का असर समाप्त होने के साथ ही प्रदेश का मौसम धीरे-धीरे साफ़ हो रहा है। पिछले 24 घंटों में पश्चिमी और मध्य उत्तर प्रदेश के जिलों में अधिकतम तापमान में 3 से 7 डिग्री सेल्सियस तक की वृद्धि दर्ज की गई है, जबकि आज पूर्वी उत्तर प्रदेश में तापमान में 2 से 4 डिग्री सेल्सियस की बढ़ोतरी की संभावना व्यक्त की गई है। इसके बाद तापमान में किसी बड़े परिवर्तन की संभावना नहीं है।

मौसम विभाग के अनुसार, वर्तमान में प्रदेश में कोई सक्रिय मौसम तंत्र नहीं है। ऐसे में आगामी एक सप्ताह तक मुख्यतः शुष्क मौसम बना रहेगा। हालांकि, 4 से 5 नवम्बर के दौरान पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र पर सक्रिय होने वाले पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से प्रदेश के उत्तरी भागों में आंशिक बादलों की आवाजाही संभव है।

मौसम विज्ञान केंद्र ने बताया कि इस अवधि में न्यूनतम तापमान में पहले 48 घंटों में लगभग 2 डिग्री सेल्सियस की गिरावट, उसके बाद अगले 48 घंटों में करीब 2 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि, और फिर क्रमिक रूप से 2 से 3 डिग्री सेल्सियस की पुनः गिरावट दर्ज की जा सकती है।

इसके साथ ही, 3 और 4 नवम्बर की सुबह राज्य के पूर्वांचल एवं उत्तरी तराई क्षेत्रों में कहीं-कहीं कम से मध्यम कोहरा और हल्की धुंध पड़ने की संभावना है। यह कोहरा प्रातःकाल के समय सीमित रहेगा और सूर्योदय के बाद दिन चढ़ने के साथ समाप्त हो जाएगा।

विभाग ने किसानों और आम नागरिकों को सलाह दी है कि इस दौरान दृश्यता कम होने पर सुबह के समय वाहन चलाते समय सावधानी बरतें, और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बुजुर्गों और बच्चों को ठंड से बचाव के उपाय अपनाने की सलाह दी गई है।

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