विजयवाड़ा , नवंबर 30 -- आंध्र प्रदेश की गृह मंत्री वी. अनिता ने रविवार को 'दितवा' चक्रवात से आसन्न खतरे को देखते हुए विभिन्न तटीय जिलों में उठाए गए एहतियाती उपायों की समीक्षा की।

गृह मंत्री ने सचिवालय में सचिव कटामनेनी भास्कर, सीईओ प्रखर जैन, और चक्रवात से खतरे का सामना कर रहे नेल्लोर, तिरुपति, कडप्पा, चित्तूर तथा अन्नमय्या जिलों के अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंस से बात की और इन जिलों के सरकारी तंत्र को उच्च सतर्कता पर रहने और प्रभावित जिलों के लोगों को चेतावनी जारी करने का निर्देश दिया।

गृह मंत्री ने निर्देश दिया, "यह सुनिश्चित करने के लिए सभी कदम उठाएं कि जान-माल का कोई नुकसान न हो। अधिकारियों को कॉल सेंटरों पर प्राप्त होने वाली हर कॉल का जवाब देना चाहिए। प्रभावित जिलों के संवेदनशील स्थानों पर विशेष अधिकारियों को नियुक्त किया जाना चाहिए।"उन्होंने अधिकारियों को सड़कों से उखड़े हुए पेड़ों और होर्डिंग्स को हटाने के लिए मशीनरी और अन्य उपकरण तैयार रखने का भी निर्देश दिया। उन्होंने अधिकारियों से प्रभावित क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति बहाल करने के लिए भी कदम उठाने को कहा। आवश्यकता पड़ने पर, निचले इलाकों और संवेदनशील स्थानों के लोगों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया जाना चाहिए।

आंध्र प्रदेश आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के निदेशक एमडी प्रखर जैन ने नेल्लोर और तिरुपति के अधिकारियों को अधिक सतर्क रहने के लिए कहा, क्योंकि इन दोनों जिलों में भारी बारिश होने की संभावना है। उन्होंने कहा कि नेल्लोर और कडप्पा जिलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की दो टीमें तैयार रखी गई हैं, और वेंकटगिरि में तीन एनडीआरएफ टीमें तथा तीन अन्य टीमें आवश्यकता पड़ने पर कार्रवाई के लिए स्टैंडबाय पर हैं।

ऊर्जा मंत्री गोट्टीपाटी रविकुमार ने बिजली इंजीनियरों और अधिकारियों को एहतियाती उपाय करने के लिए अलर्ट किया। उन्होंने चक्रवात से निपटने के लिए तैयारियों और उठाए जा रहे कदमों की समीक्षा की।

इस बीच, चक्रवात के खतरे को देखते हुए नेल्लोर और अन्नमय्या जिलों में स्कूलों, कॉलेजों और आंगनवाड़ी केंद्रों में सोमवार को छुट्टी घोषित कर दी गई है।

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