चंबा/ शिमला , नवम्बर 27 -- हिमाचल प्रदेश में चुराह सीट से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) विधायक हंस राज की गुरुवार को चंबा की विशेष अदालत ने उनके खिलाफ दर्ज यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (पॉक्सो) के तहत दर्ज मामले में नियमित जमानत मंजूर कर ली। इससे पहले उनकी अंतरिम अग्रिम जमानत मंजूर हुई थी, जिसकी मियाद आज खत्म हो रही थी।

यह मामला अगस्त 2024 से लगातार चर्चा में रहा है। पीड़िता ने पहले शिकायत की, फिर बयान वापस लिया, और बाद में दोबारा शिकायत देकर कहा कि उनके घरवालों को धमकियां मिली हैं।

अदालत ने हंस राज की अंतरिम जमानत मंजूर कर ली थी, जिसकी मियाद गुरुवार को खत्म हो रही थी। मामले को अदालत में लाये जाने पर अदालत ने उसे नियमित जमानत देने का फैसला किया। इससे हंसराज पर गिरफ्तारी की लटकी तलवार हट गयी और मामले की जांच जारी रहेगी।

पुलिस ने 16 अगस्त 2024 में चंबा महिला थाने में प्राथमिकी दर्ज की थी, जिसमें हंस राज पर आरोप था कि उसने पीडि़ता से अश्लील चैट की और उससे अश्लील तस्वीरों की मांग, धमकियां और दबाव बनाया गया।

चुराह अदालत में बयान दर्ज होने के बाद पीडि़ता ने अपने आरोप वापस ले लिये।

बयान वापस लेने के बाद मामला शांत हो गया था, लेकिन सात नवम्बर 2025 को पीड़िता ने फिर से शिकायत दी और इस बार पॉक्सो एक्ट के तहत कार्रवाई की मांग की। इसके एक दिन पहले उसके पिता ने भी धमकियों मिलने की प्राथमिकी दर्ज करायी थी।

पीड़िता ने सोशल मीडिया पर सात मिनट का दर्द भरा वीडियो भी डाला, जिसमें उसने कहा कि उसका परिवार ख़तरे में है और विधायक ने उसकी ज़िंदगी 'बरबाद' कर दी। विधायक हंस राज ने इन आरोपों को सियासी साज़िश बताया और कहा कि पीड़िता ने पहले भी तीन जजों के सामने बयान वापस लिया था। उन्होंने यह भी कहा कि अब वह मानहानि का मामला दायर करेंगे। पीड़िता पर सवाल उठाने वाले उनके एक बयान की काफ़ी आलोचना हुई।

इधर, पीड़िता के पिता ने कांग्रेस नेता यशवंत खन्ना के साथ प्रेस कॉन्फ़्रेंस कर आरोप लगाया कि पिछले साल बयान बदलने के बाद विधायक के नजदीकी लोग उन्हें अगवा कर शिमला ले गये, फोन तोड़ दिये और घर जलाने की धमकी दी।

मामले की पुलिस जांच अभी जारी है।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित