चंपावत , अक्टूबर 04 -- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के विधानसभा क्षेत्र चंपावत में आपदा प्रबंधन को लेकर जिला प्रशासन गंभीर है और उसने आपदा प्रबंधन को सुदृढ़ करने के लिए युवाओं को आपदा प्रबंधन के परिचयात्मक अभ्यास से संबंधित प्रशिक्षण देना शुरू कर दिया है।
जिलाधिकारी मनीष कुमार के अनुसार उत्तराखंड आपदाग्रस्त क्षेत्र है और उससे बचाव ही प्रमुख उपाय है। इसलिए इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य स्थानीय समुदाय और युवाओं को आपदा खासकर बाढ़ एवं भूस्खलन जैसी आपदाओं से बचाव के प्रति जागरूक करना है।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अध्यक्ष कुमार ने कहा कि जिले में आपदा प्रबंधन की तैयारियों को सुदृढ़ बनाने के उद्देश्य से तहसील श्री पूर्णागिरि (टनकपुर) में युवाओं में युवाओं को एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया।
प्रशिक्षण के दौरान प्रतिभागियों को आपदा के समय स्वयं, अपने परिवार और पालतू पशुओं की सुरक्षा के उपाय सिखाए गए। बाढ़ व भूस्खलन जैसी परिस्थितियों में बरती जाने वाली सावधानियों के साथ-साथ भूकंप से बचाव एवं आकस्मिक बाढ़ आपदा से निपटने के तरीकों पर विशेष जानकारी प्रदान की गई।
यही नहीं के युवाओं को प्राथमिक उपचार की तकनीक के साथ ही घायलों को सुरक्षित बाहर निकालने का व्यावहारिक ज्ञान दिया गया। प्रतिभागियों को आपदा रेस्क्यू उपकरणों के उपयोग की जानकारी दी गई, जिसमें रैपलिंग और जुमारिंग जैसी तकनीक शामिल रहीं।
इसके साथ ही स्थानीय संसाधनों का उपयोग कर अस्थायी रेस्क्यू उपकरण तैयार करने की विधि भी बताई गई। जन-जागरूकता सत्र में प्रतिभागियों को आपातकालीन हेल्पलाइन नंबर, टोल-फ्री नंबर, महिला हेल्पलाइन तथा सचेत एवं भूकम्प मोबाइल ऐप के उपयोग की जानकारी दी गई।
जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के मास्टर प्रशिक्षक भरत गुसाईं, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन बल के दीपक कठैत, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ) के दीपक जोशी सहित ने प्रशिक्षक की भूमिका निभाई।
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