चंडीगढ़ , दिसंबर 19 -- चंडीगढ़ में बढ़ते अपराधों को लेकर आयोजित अपराध समीक्षा बैठक में पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डॉ. सागर प्रीत हुड्डा का रुख बेहद सख्त देखने को मिला। सेक्टर-9 स्थित पुलिस मुख्यालय में हुई इस बैठक में डीजीपी ने शहर की कानून-व्यवस्था और पुलिस की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल उठाए।

डीजीपी ने कहा कि कई इलाकों में खुलेआम नशे की बिक्री, सट्टा और चोरी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं लेकिन इसके बावजूद कई थाना प्रभारी महज एक-दो मामले दर्ज कर औपचारिकता निभा रहे हैं। उन्होंने बताया कि वे पिछले छह महीनों से शहर में अपराध की स्थिति पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं, लेकिन हत्या जैसे गंभीर मामलों में भी पुलिस का प्रदर्शन संतोषजनक नहीं रहा है। उन्होंने सेक्टर-34 थाना को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि वहां प्रभारी बनने के लिए निरीक्षक सिफारिशें क्यों लगवा रहे हैं और यह थाना आखिर किसकी मिलीभगत से संचालित हो रहा है।

बैठक के दौरान जब पुलिस उपाधीक्षक (डीएसपी) स्तर के अधिकारियों से उनके क्षेत्रों में अपराध नियंत्रण को लेकर सवाल किए गए, तो कई अधिकारी संतोषजनक जवाब नहीं दे सके। इस पर डीजीपी ने नाराजगी जताते हुए निर्देश दिए कि भविष्य में सभी अधिकारी पूरी तैयारी के साथ समीक्षा बैठकों में शामिल हों। डीएसपी ईस्ट और डीएसपी नॉर्थ को अपने-अपने क्षेत्रों में नशे की बिक्री पर सख्त कार्रवाई करने के आदेश भी दिए गए।

डीजीपी ने ट्रैफिक व्यवस्था पर भी असंतोष व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि कई चौराहों और ट्रैफिक लाइट प्वाइंट्स पर ट्रैफिक पुलिस के जवान ड्यूटी से गायब रहते हैं। कई स्थानों पर तैनात कर्मी किनारे बैठे नजर आते हैं और बुलाने पर ही सक्रिय होते हैं। इसके अलावा डीजीपी ने कहा कि वारदातों के बाद अपराधियों को पकड़ने के बजाय पुलिस केवल सीसीटीवी फुटेज पर निर्भर हो रही है, जिससे न तो अपराध पर प्रभावी नियंत्रण हो पा रहा है और न ही मामलों का समय पर खुलासा हो रहा है।

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