चंडीगढ़, सितंबर 30 -- चंडीगढ़ नगर निगम की हाउस मीटिंग में मचे हंगामे पर कांग्रेस ने भाजपा और मेयर पर गंभीर आरोप लगाए हैं। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि चुने हुए पार्षदों की आवाज को दबाने के लिए मार्शल बुलाकर उन्हें जबरन असंवैधानिक तरीके से बाहर निकाला गया। उन्होंने इसे नगर निगम के इतिहास का 'काला दिन' बताया।
कांग्रेस का कहना है कि पार्षद केवल अपने सवाल रखना चाहते थे, जो उनका लोकतांत्रिक अधिकार है। वे मणिमाजरा की जमीन से जुड़े नियमों की अनदेखी पर अपनी बात रखना चाहते थे, लेकिन उन्हें बोलने नहीं दिया गया। इसके बाद सीनियर डिप्टी मेयर जसबीर सिंह बंटी, डिप्टी मेयर तरुणा मेहता, पार्षद प्रेमलता और सचिन गालव को हाउस की मीटिंग से सस्पेंड कर दिया गया। कांग्रेस नेताओं का आरोप है कि यह कार्रवाई केवल उनकी आवाज दबाने के लिए की गई।
उन्होंने कहा कि मणिमाजरा की जमीन की नीलामी को लेकर लगातार सवाल उठ रहे हैं और कांग्रेस किसी भी तरह के घोटाले की आहट पर चुप नहीं बैठेगी। कांग्रेस पार्टी का कहना है कि जनता और शहर की आवाज को वह हमेशा बेखौफ होकर उठाती रहेगी।
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