जशपुर , नवंबर 14 -- छत्तीसगढ के जशपुर पुलिस ने ऑपरेशन मुस्कान के तहत एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए उन चार नाबालिग बच्चों को महाराष्ट्र से ढूंढ निकाला, जो काम की तलाश में बिना बताए घर से निकल गए थे। पुलिस की त्वरित और संगठित कार्रवाई से इन बच्चों को सकुशल वापस लाकर उनके परिजनों के सुपुर्द किया गया, जिससे परिजनों ने राहत की सांस ली है।
शुक्रवार को जशपुर पुलिस ने पत्रकारों को बताया कि कुनकुरी थाना क्षेत्र के एक गांव में रहने वाले 15-17 वर्ष के बीच चार छात्र चार नवंबर को घर से यह कहकर निकले कि वे नदी में नहाने जा रहे हैं। काफी देर तक वापस न आने पर परिजन चिंतित हुए और देर शाम तक उनकी खोजबीन करते रहे। रात लगभग नौ बजे 17 वर्षीय लड़के ने अपनी मां को फोन कर बताया कि वह अपने तीन दोस्तों के साथ काम की तलाश में बाहर जा रहा है। इसके बाद परिजनों ने आशंका जताई कि बच्चे बिना बताए किसी दूरस्थ राज्य में निकल गए हैं।
परिजनों ने पांच नवंबर को पुलिस को इसकी दी थी। परिजनों की सूचना पर कुनकुरी थाने में धारा 137(2) के तहत मामला दर्ज कर खोजबीन शुरू की गई। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक शशि मोहन सिंह के नेतृत्व में तकनीकी विश्लेषण और परिजनों से मिली जानकारी के आधार पर बच्चों की लोकेशन महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के पहाड़ तालुका क्षेत्र में पाई गई। इसके बाद विशेष पुलिस टीम को महाराष्ट्र रवाना किया गया।
पुलिस टीम स्थानीय स्तर पर खोजबीन करते हुए महाराष्ट्र जा पहुंची, यहां पहुंचकर बच्चों को एक किराए के कमरे में काम की तलाश में ठहरे हुए पाया। पूछताछ में बच्चों ने बताया कि वे सभी दोस्त हैं और अपने स्तर पर रोजगार तलाशने के लिए घर से निकल पड़े थे। वे पहले बस से छत्तीसगढ़ के रायगढ़ पहुंचे, फिर ट्रेन से रोहा स्टेशन और बाद में बस से पहाड़ तालुका पहुंचे, जहां वे अस्थायी रूप से रह रहे थे।
बच्चों को ढूंढ निकालने में थाना प्रभारी राकेश कुमार यादव, प्रधान आरक्षक छविकांत पैंकरा, आरक्षक प्रवीण इन्दवार और रवि पैंकरा की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
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