पटना , अक्टूबर 10 -- बिहार विधानसभा चुनाव से पूर्व ग्रामीण सड़कों की स्थिति को और बेहतर बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण कार्य विभाग की ओर से राज्यभर में सड़कों और पुलों की व्यापक जांच कराई जाएगी।

विभाग ने इसके लिए 49 अधिकारियों की टीम गठित की है, जो 10 अक्टूबर से 17 अक्टूबर 2025 तक सभी प्रमंडलों में विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत सड़कों और पुलों का भौतिक सत्यापन करेगी। अभियंताओं की इस टीम को जिम्मेदारी दी गई है कि वह बिहार की ग्रामीण सड़कों की जांच करके यह सुनश्चित करे कि बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान कर्मियों और पुलिस तथा सुरक्षा एजेंसियों को गंतव्य तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े।

मुख्यालय स्तर से जारी निर्देश के अनुसार, जांच दलों को मुख्यमंत्री ग्रामीण सड़क उन्नयन योजना, मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (अवशेष), मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना तथा पंचवर्षीय अनुरक्षणाधीन पथों की प्रगति एवं गुणवत्ता की जांच करने का दायित्व दिया गया है।जांच के दौरान प्रत्येक पथ पर लोगो और सूचना बोर्ड, निर्माण सामग्री की उपलब्धता तथा कार्य की प्रगति की वास्तविक स्थिति का आकलन किया जाएगा। साथ ही यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सभी सड़कें गड्ढामुक्त एवं उपयोग योग्य स्थिति में हैं।

मुख्यमंत्री ग्राम सम्पर्क योजना (अवशेष) अंतर्गत पथों में यह देखा जाएगा कि निर्माण सामग्री स्थल पर उपलब्ध है या नहीं, जबकि मुख्यमंत्री ग्रामीण सेतु योजना के अंतर्गत बन रहे पुलों की जांच के दौरान लोगो, सूचना बोर्ड, अस्थायी शेड तथा प्रयोगशाला कक्ष की स्थिति का सत्यापन किया जाएगा।

पंचवर्षीय रूटीन अनुरक्षणाधीन पथों की जांच में यह सुनिश्चित किया जाएगा कि सड़कों का नियमित अनुरक्षण किया जा रहा है तथा उनकी वर्तमान स्थिति संतोषजनक है या नहीं।

विभागीय आदेश में कहा गया है कि अभियंता प्रमुख-सह-अपर आयुक्त-सह-विशेष सचिव एवं अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी किसी भी प्रमंडल में आकस्मिक निरीक्षण करेंगे। सभी मुख्य अभियंता, अधीक्षण अभियंता एवं कार्यपालक अभियंताओं को अपने क्षेत्राधीन पथों की स्थिति की समीक्षा कर जांच प्रतिवेदन मुख्यालय को समर्पित करने का निर्देश दिया गया है।यह कार्रवाई विभागीय जवाबदेही को मजबूत करने और ग्रामीण संपर्क मार्गों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। जांच रिपोर्ट के आधार पर उन सड़कों पर त्वरित सुधारात्मक कार्यवाही की जाएगी, जहां मरम्मत या पुनर्निर्माण की आवश्यकता होगी।

अभियंताओं की इस टीम को जिम्मेदारी दी गई है कि सभी ग्रामीण सड़कों की जांच करके यह सुनश्चित करें कि बिहार विधानसभा चुनाव में मतदान कर्मियों और पुलिस तथा सुरक्षा एजेंसियों को गंतव्य तक पहुंचने में किसी तरह की परेशानी का सामना नहीं करना पड़े। विधानसभा चुनाव में पहले चरण का मतदान आगामी 06 नवंबर को तथा दूसरे एवं अंतिम चरण का मतदान 11 नवंबर को होना है। ऐसे में मतदान कर्मियों के साथ-साथ सुरक्षा बलों को ग्रामीण सड़कों से लम्बी दूरी तय करनी है। पिछले कई दशक बाद बिहार में चुनाव में यह पहला मौका जब विधानसभा की सभी 243 सीटों पर मतदान को केवल दो ही चरणों में संपन्न कराया जा रहा है। इसका एक कारण यह भी है कि बिहार के ग्रामीण इलाकों में अब सड़कों का एक मजबूत नेटवर्क बन चुका है और लोगों को यातायात की बेहतर सुविधाएं उपलब्ध होने लगी हैं।विभाग ने सभी ग्रामीण सड़कों को गड्ढा मुक्त करने का निर्देश भी पहले जारी कर रखा है। अभियंताओं की यह टीम इसकी भी जांच करेगी। विभाग के अभियंताओं की इस टीम में मुख्य अभियंता से लेकर सहायक अभियंता शामिल हैं।

हिंदी हिन्दुस्तान की स्वीकृति से एचटीडीएस कॉन्टेंट सर्विसेज़ द्वारा प्रकाशित