अंबिकापुर , दिसम्बर 03 -- छत्तीसगढ़ में सरगुजा जिले स्थित एसइसीएल की अमेरा ओपनकास्ट कोल खदान में बुधवार को खदान विस्तार के विरोध में आंदोलन कर रहे ग्रामीणों के अचानक पथराव शुरू कर देने से अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक , एसडीपीओ सहित 24 से अधिक पुलिस जवान घायल हो गए।

स्थिति बिगड़ने पर पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े और लाठीचार्ज कर भीड़ को पीछे हटाया। विवाद के दौरान कई ग्रामीण भी घायल हुए। क्षेत्र में दिनभर अफरा-तफरी का माहौल बना रहा और खदान परिसर के आसपास भारी पुलिस बल तैनात करना पड़ा।

जानकारी के अनुसार कई महीनों से अमेरा कोयला खदान के विस्तार का ग्रामीण विरोध कर रहे हैं। प्रशासन की टीम आज सुबह 10 बजे ग्रामीणों से चर्चा के लिए मौके पर पहुँची थी, लेकिन बातचीत सफल नहीं हो सकी और स्थिति देखते ही देखते हिंसक हो गई। भीड़ की उग्रता बढ़ने पर अपर कलेक्टर भी मौके पर पहुंचे, लेकिन उन पर भी पथराव किया गया जिससे वे घायल हो गए। पुलिस बल ने हालात काबू में करने के लिए आंसू गैस का उपयोग कर भीड़ को तितर-बितर किया। घटनाक्रम के बाद खदान के आसपास सुरक्षा घेरा और कड़ा कर दिया गया है।

एसईसीएल ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके बताया कि अमेरा ओपनकास्ट माइंस 1.0 एमटीपीए क्षमता की परियोजना है, जिसकी भूमि परसोडीकला, अमेरा, पूहपुटरा और कटकोना गांवों में वर्ष 2001 में कोल बेयरिंग एक्ट के तहत अधिग्रहित की गई थी।

2011 में खनन शुरू हुआ, लेकिन 2019 में कुछ ग्रामीणों की वैधानिक दायरे से अधिक मांग के चलते काम रोकना पड़ा था। कंपनी का कहना है कि 2024 में प्रशासन के हस्तक्षेप बाद मुआवजा, आरएंडआर लाभ और अतिरिक्त भूमि कब्जा मिलने पर खदान संचालन पुनः शुरू किया गया। अब तक पीएपी को लगभग 10 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जा चुका है।

एसईसीएल का कहना है कि हाल के विरोध को कुछ असामाजिक तत्व बढ़ावा दे रहे हैं, जिनकी वजह से आठ नवम्बर से कार्य बाधित था, बुधवार की घटना के बाद शाम पांच बजे से खनन कार्य आंशिक रूप से फिर शुरू कर दिया गया है।

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