अमृतसर , नवंबर 04 -- श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर पाकिस्तान में आयोजित किये जाने वाले समारोह में भाग लेने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) की ओर से सिख श्रद्धालुओं काएक जत्था मंगलवार को पाकिस्तान के लिए रवाना हुआ।

तीर्थयात्री अटारी-वाघा सीमा के रास्ते पाकिस्तान पहुंचे। यह पहला जत्था है, जो पहलगाम घटना और ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान के गुरुद्वारों के दर्शन के लिए गया है। यह जत्था गुरुद्वारा ननकाना साहिब, पंजा साहिब, डेरा साहिब और करतारपुर साहिब समेत कई पवित्र स्थलों के दर्शन करेगा और 13 नवंबर को भारत लौटेगा। श्री अकाल तख्त साहिब के कार्यकारी जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज भी जत्थे के साथ रवाना हुए।

इस अवसर पर जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह गड़गज्ज ने कहा कि पहले केंद्र सरकार द्वारा जत्थे को पाकिस्तान जाने की अनुमति नहीं दी गयी थी, लेकिन वाहे गुरु जी के आगे अरदास करने का प्रधानमंत्री और गृह मंत्री के दिलों पर असर हुआ और उन्होंने जत्थे को अनुमति दे दी, जिसकी सिख समुदाय प्रशंसा करता है। उन्होंने कहा कि करतारपुर गलियारा खोलने के लिए वह पाकिस्तान में गुरुद्वारा ननकाना साहिब में अरदास करेंगे ताकि गलियारा जल्दी खोल दिया जाये। उन्होंने आशा व्यक्त की कि श्रद्धालुओं के जत्थे के वापस आने के बाद गलियारा खोल दिया जाएगा।

केंद्र सरकार ने सुरक्षा चिंताओं का हवाला देते हुए 12 सितंबर, 2025 को इस यात्रा पर रोक लगा दी थी, लेकिन बाद में इस फैसले को पलट दिया। गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के परामर्श से अंतिम मंज़ूरी दे दी, जिससे जत्थे को ननकाना साहिब जैसे प्रमुख गुरुद्वारों की यात्रा करने की अनुमति मिल गयी। लगभग 1800 पासपोर्टों में से 1794 श्रद्धालुओं को पाकिस्तान सरकार की ओर से वीजा जारी किया गया है।

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