जालंधर , अक्टूबर 23 -- श्री गुरु तेग बहादुर जी की 350वीं शहीदी वर्षगांठ को समर्पित ऐतिहासिक भव्य नगर कीर्तन 'जागृति यात्रा' अपने 38वें दिन शुक्रवार को जालंधर जिले से गुजरेगा।

यह विशाल यात्रा, जिसे तख्त श्री हरिमंदिर जी, पटना साहिब प्रबंधक कमेटी (टीएसएचजेपीपीसी) द्वारा बिहार सरकार के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है, का उद्देश्य गुरु तेग बहादुर जी के आस्था, एकता और भाईचारे के अमर संदेश को पूरे देश में प्रसारित करना है। यह पहल जो गुरु जी का पवित्र जन्म स्थान पटना साहिब के ऐतिहासिक महत्व को उजागर करती है।

पंजाब में नगर कीर्तन के संयोजक सरदार मलविंदर सिंह बेनीपाल ने गुरुवार को बताया कि गुरुद्वारा मंजी साहिब कोटां (लुधियाना) में रात्रि विश्राम के बाद नगर कीर्तन शुक्रवार को समराला चौक से होता हुआ जालंधर में प्रवेश करेगा। यात्रा लडोवाल टोल से फिल्लौर में प्रवेश के बाद, नकोदर रोड, बिरला बस स्टैंड, गुरुद्वारा नानकसर (नूरमहल), गुरुद्वारा सिंह सभा, नकोदर से होते हुये सुलतानपुर लोधी स्थित गुरुद्वारा बेरी साहिब में रात्रि ठहराव के लिये रुकेगी।

यह ऐतिहासिक यात्रा 17 सितंबर 2025 को तख्त श्री हरिमंदिर जी, पटना से बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी द्वारा प्रमुख सिख नेताओं और बिहार सरकार के प्रतिनिधियों की उपस्थिति में झंडी दिखाने के साथ शुरू हुई थी। यात्रा के साथ श्री गुरु ग्रंथ साहिब और गुरु तेग बहादुर जी की पवित्र निशानियाँ पूरे श्रद्धाभाव से ले जाई जा रही हैं।

अब तक यह यात्रा नौ राज्यों झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, छत्तीसगढ़, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा और अब पंजाब से होकर गुजर रही है। इस दौरान यह गुरु जी की दयालुता, साहस और धार्मिक सहिष्णुता के संदेश को जन-जन तक पहुँचा रही है।

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