संयुक्त राष्ट्र, सितंबर 26 -- संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने गुरुवार को निकट पूर्व में फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र राहत एवं कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) के लिए धन और राजनीतिक समर्थन का आग्रह किया।
श्री गुटेरेस ने यूएनआरडब्ल्यूए के समर्थन में आयोजित मंत्रिस्तरीय बैठक में कहा, "मैं आज आपसे अपील करता हूं कि आप यूएनआरडब्ल्यूए को आवश्यक धनराशि और राजनीतिक समर्थन प्रदान करें, ताकि फिलिस्तीनियों, इजरायिलों और क्षेत्र के लिए शांति एवं स्थिरता का निर्माण किया जा सके।"अपने संबोधन में, संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने कहा कि फिलिस्तीनी शरणार्थियों की कई पीढ़ियां शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और अन्य आवश्यक सेवाओं के लिए यूएनआरडब्ल्यूए पर निर्भर रही हैं। अक्टूबर 2023 से पहले, इसने पूरे क्षेत्र में पांच लाख लड़कियों और लड़कों को स्कूली शिक्षा प्रदान की। आज यह 26 लाख लोगों को आपातकालीन भोजन और नकद सहायता प्रदान करता है और इसके प्राथमिक क्लीनिकों में प्रति वर्ष 1.5 करोड़ लोग आते हैं।
श्री गुटेरेस ने कहा कि इन सबके बावजूद, यूएनआरडब्ल्यूए को अत्यधिक और बढ़ते दबाव में काम करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है, इसके कर्मचारी गाजा में मारे जा रहे हैं, इसके परिसर नष्ट हो गए हैं, और इसे बजट की कमी का सामना करना पड़ रहा है।
संयुक्त राष्ट्र प्रमुख ने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से आग्रह किया कि वे एकजुटता के साथ खड़े होकर, राजनीतिक समर्थन प्रदान करके, उन विकृतियों का मुकाबला करके यूएनआरडब्ल्यूए का समर्थन करने के लिए हरसंभव प्रयास करें, जो कई फिलिस्तीन शरणार्थियों के लिए एकमात्र जीवनरेखा को खतरा पहुंचाती हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि एजेंसी के पास अपने कार्य को पूरा करने के लिए संसाधन हैं।
यूएनआरडब्ल्यूए के कमिश्नर जनरल फिलिप लाजारिनी ने बैठक में कहा कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को लंबे समय से अकाल, गाजा में सैन्य कब्जे की आशंका, कब्जे वाले पश्चिमी तट पर बसने वाले लोगों की बढ़ती संख्या और धीरे-धीरे बढ़ता कब्ज़ा तथा संकट में एक बहुपक्षीय प्रणाली का सामना करना पड़ रहा है।
उन्होंने चेतावनी दी कि नये वित्त पोषण के अभाव में, इस वर्ष के अंत से पहले ही क्षेत्र में लाखों फिलिस्तीनी शरणार्थियों को महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने में बाधा उत्पन्न हो जाएगी।
श्री लाज़ारिनी ने कहा कि इतिहास हमेशा हमारे पूर्ववर्तियों से पूछेगा कि वे अपने शासनकाल में किए गए नरसंहारों को रोकने में क्यों विफल रहे। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों से गाजा में तत्काल युद्ध विराम और बंधकों की बिना शर्त रिहाई की मांग करने का आग्रह किया।
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