मेहसाणा , अक्टूबर 10 -- गुजरात के मेहसाणा में चल रही दो दिवसीय वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस (वीजीआरसी) के दूसरे दिन शुक्रवार को क्षेत्रीय सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम (एमएसएमई) कॉन्क्लेव आयोजित हुई। इस कॉन्क्लेव की मुख्य थीम 'उद्यम उत्कर्षः मजबूत एमएसएमई, सशक्त भारत' है।

गुजरात सरकार के एमएसएमई आयुक्त संदीप सागले (आईएएस) ने क्षेत्रीय एमएसएमई कॉन्क्लेव की शुरुआत की। उन्होंने कॉन्क्लेव की रूपरेखा पर प्रकाश डालते हुए कहा कि देश के प्रधानमंत्री और गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो दशक पहले वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट की संकल्पना की थी और वर्ष 2003 में इस समिट की शुरुआत के साथ यह संकल्पना साकार हुई थी। आज इस समिट के फायदों को गुजरात के क्षेत्रीय स्तरों तक पहुंचाने के लिए पूरे गुजरात में वाइब्रेंट गुजरात रीजनल कॉन्फ्रेंस का आयोजन किया गया है, जो 'विकसित भारत@2047' के विजन को मूर्त रूप देगा।

गुजरात के एमएसएमई सेक्टर की चर्चा करते हुए श्री सागले ने कहा कि राज्य के एमएसएमई कठोर परिश्रम और लचीलेपन का प्रतीक हैं। ये एमएसएमई लाखों लोगों को रोजगार प्रदान करते हैं, गुजरात के औद्योगिक आउटपुट और सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में और इसके जरिए देश की जीडीपी में भी योगदान देते हैं। उन्होंने कहा कि आज, जब हम विकसित भारत की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, तब हमें इस बात पर फोकस करना होगा कि अनिश्चितता से भरी इस दुनिया में हमारे एमएसएमई न केवल अपना अस्तित्व बचाए रखें, बल्कि विकास करने के साथ-साथ समृद्ध भी हों।

उन्होंने एमएसएमई को मजबूत करने के लिए कस्टमर फोकस (ग्राहक-केंद्रित दृष्टिकोण अपनाना), ग्लोबल इंटीग्रेशन (वैश्विक एकीकरण), डिजिटल ट्रांसफॉर्मेशन (डिजिटल बदलाव) और रेजिलिएन्स एवं इनोवेशन (लचीलापन एवं नवाचार) सहित कुल चार मुख्य विषयों पर ध्यान केंद्रित करने की बात कही।

उन्होंने चर्चा का समापन करते हुए कहा कि गुजरात ने हमेशा भारत के औद्योगिक विकास का नेतृत्व किया है और वह भी केवल अपने कद के आधार पर नहीं, बल्कि पूरे उत्साह और भाव के साथ। हमारे एमएसएमई इसी उत्साह को आगे बढ़ा रहे हैं। हमें अपने एमएसएमई को मजबूत करना होगा, क्योंकि अगर एमएसएमई समृद्ध होंगे तो गुजरात समृद्ध होगा और गुजरात समृद्ध होगा तो विकसित भारत का विजन भी साकार होगा।

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