गांधीनगर , दिसंबर 18 -- आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना और मुख्यमंत्री अमृतम (एबी पीएमजेएवाय-एमए) अंतर्गत गुजरात के 1,20,14,556 परिवारों को समाविष्ट किया गया है।

सूत्रों ने गुरूवार को बताया कि इसके अलावा जुलाई-2023 में मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मार्गदर्शन में एबी पीएमजेएवाय-एमए अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा प्रति परिवार वार्षिक बीमा राशि पांच लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की गई है। राज्य ने स्वास्थ्य सुविधाओं को अधिक मजबूत तथा सुलभ बनाया है, जो राज्य में सुशासन का उत्तम उदाहरण है।

इस योजना से गरीब एवं सुदूरवर्ती क्षेत्रों में भी लोगों को गंभीर बीमारियों में निःशुल्क उपचार मिल रहा है। आज सरकारी अस्पतालों में भी उच्च स्तरीय स्वास्थ्य सेवाएँ उपलब्ध हैं। स्वस्थ समाज तथा स्वस्थ गुजरात के माध्यम से प्रधानमंत्री के विकसित भारतएट2047 के लक्ष्य को हम साकार करेंगे।"एबी पीएमजेएवाय-एमए अंतर्गत जब पांच लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाती थी, तब एक जुलाई 2021 से 10 जुलाई 2022 तक प्रति परिवार प्रीमियम राशि 2177.10 रुपए थी और उस समयावधि के दौरान कुल वित्तीय खर्च 1681.20 करोड़ रुपए हुआ था। इसके बाद 11 जुलाई, 2022 से 10 जुलाई, 2023 के दौरान प्रीमियम राशि 1492 रुपए थी, जिस दौरान कुल वित्तीय खर्च 1363.52 करोड़ रुपए हुआ था।

दस जुलाई 2023 को राज्य सरकार द्वारा योजनांतर्गत देय आर्थिक सहायता पांच लाख रुपए से बढ़ाकर 10 लाख रुपए की गई, जिससे प्रीमियम राशि बढ़कर प्रति परिवार 3708 रुपए हुई है। कुल वित्तीय खर्च की बात करें, तो 11 जुलाई 2023 से 10 जुलाई 2024 के दौरान कुल वित्तीय खर्च 2676.26 करोड़ रुपए, जबकि 11 जुलाई 2024 से 10 जुलाई 2025 के दौरान कुल वित्तीय खर्च 3210.03 करोड़ रुपए हुआ है।

इस योजना अंतर्गत राज्य में कुल 2090 अस्पताल एम्पैनल्ड हैं, जिनमें 1132 सरकारी तथा 958 निजी अस्पताल हैं। इस योजनांतर्गत नवंबर 2025 तक कुल 2299 प्रोसीजरों तथा 50 एसआरएस प्रोसीजरों को समाविष्ट किया गया है। इस योजना अंतर्गत लाभार्थियों के दावों का भुगतान करने में गुजरात राज्य पहले स्थान पर है।

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