बीकानेर, सितम्बर 29 -- राजस्थान के पारंपरिक लोकनृत्य शैली घूमर को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने के लिये राज्य का पर्यटन विभाग गुजरात के 'गरबा' की तरह बड़े पैमाने पर 'घूमर' का आयोजन करने जा रहा है।

पर्यटन विभाग के संयुक्त निदेशक अनिल राठौड़ ने सोमवार को बताया कि राज्य के सभी सातों संभाग मुख्यालयों बीकानेर, अजमेर, जयपुर, जोधपुर, भरतपुर, उदयपुर और कोटा में 15 नवंबर की शाम छह बजे घूमर महोत्सव - 2025 का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस आयोजन में राजस्थानी वेशभूषा और लोकगीत के साथ प्रस्तुतियां दी जाएंगी। जैसे गुजरात का गरबा संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) की सांस्कृतिक धरोहर सूची में शामिल हुआ है, उसी तरह राजस्थान की सांस्कृतिक धरोहर घूमर को संरक्षण मिलेगा और घूमर ब्रांड राजस्थान की पहचान के रूप में स्थापित होगा।

श्री राठौड़ ने बताया कि बीकानेर में यह महोत्सव डॉ करणी सिंह स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। जहां दो बड़े मंच बनाए जाएंगे। साथ ही उद्योग विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग इत्यादि की ओर से देशी उत्पादों को बढ़ावा देने वाली विभिन्न स्टॉल भी लगाई जाएंगी।

उन्होंने बताया कि महाेत्सव में 12 वर्ष से ऊपर की सभी बालिकाएं और सभी महिलाएं शामिल हो सकेंगी। सभी स्कूल, कॉलेज की बालिकाएं, नृत्य संस्थायें गृहिणी, कामकाजी महिलाएं, स्वयं सहायता समूह की महिलाएं हिस्सा ले सकेंगी।

श्री राठौड़ ने बताया कि पांच अलग-अलग वर्ग समूहों में विजेता और उपविजेता को आकर्षक नक़द पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे। एकल प्रस्तुति को पुरस्कार की श्रेणी से बाहर रखा गया है। केवल समूह नृत्य में पुरस्कार प्रदान किए जाएंगे।

घूमर महोत्सव की तैयारी को लेकर आज जिला कलेक्ट्रेट सभागार में समन्वय बैठक का आयोजन किया गया। बैठक में पर्यटन विभाग के सहायक पर्यटन अधिकारी नेहा शेखावत, वरिष्ठ सहायक योगेश राय, सहायक प्रोग्रामर संदीप टेलर समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।

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